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Rafale Deal पर SC के फैसले से संतुष्ट नहीं कांग्रेस, संसदीय समिति जांच की मांग बरकरार

कांग्रेस नेताओं ने इस सौदे की जांच जेपीसी यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से कराने की जांच कराने की मांग बरकरार रखी है

FP Staff

महीनों से एनडीए सरकार की फ्रांस के साथ हुए राफेल विमानों के सौदे की कीमत और प्रक्रिया पर कांग्रेस गंभीर सवाल उठा रही थी. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए सरकार को क्लीन चिट दे दी है. कोर्ट ने कहा है सौदे की कीमत की जांच करना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है.

कोर्ट ने इस मामले में जांच की मांग वाली सारी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. कोर्ट ने कहा कि राफेल डील की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है. कोर्ट ने ये भी कहा कि कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है.


सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. हालांकि, कांग्रेस के नेता इस फैसले को आखिरी फैसला मानकर नहीं चल रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने इस सौदे की जांच जेपीसी यानी जॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी से कराने की जांच कराने की मांग बरकरार रखी है.

कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ किया है कि राफेल डील की जांच उनके न्यायिक प्रक्रिया से इतर की चीज है. इसलिए हम इसकी जेपीसी जांच की मांग जारी रखेंगे.

फैसले पर कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इस फैसले ने कांग्रेस की महीनों पहले कही गई बात को सही साबित कर दिया है. कांग्रेस ने भी कहा था कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में सुलझाया नहीं जा सकता है.

सुरजेवाला ने कहा कि आर्टिकल 136 व 32 राफेल सौदे की कीमत, प्रक्रिया, संप्रभु गारंटी और कॉन्ट्रैक्ट में करप्शन की जांच करने का फोरम नहीं है. बस जेपीसी ही है, जहां इस सौदे के पूरे भ्रष्टाचार की जांच हो सकती है.

कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने कहा कि बीजेपी को इस फैसले पर खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का फैसला कोई उनके पक्ष में नहीं है. कोर्ट ने भी यही कहा है कि ये जांच उनके कार्यक्षेत्र में नहीं होगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अदालत की निगरानी में इस डील को लेकर जांच किए जाने की मांग वाली याचिकाएं दाखिल की गई थी. बीजेपी के दो पूर्व नेता यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने इस सौदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाली थीं. कोर्ट ने 14 नवंबर को केस की सुनवाई करके फैसला सुरक्षित रख लिया था.