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सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी, अब चीफ जस्टिस ही सुनेंगे जनहित याचिकाएं

ऐसा पहली बार हुआ है जब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रोस्टर जारी किया है. इससे पहले 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने दीपक मिश्रा के कामकाज को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल उठाए थे

FP Staff

जस्टिस जे. चेलमेश्वर के रिटायर होने के दो दिन बाद सुप्रीम कोर्ट का नया रोस्टर जारी हुआ है. नए रोस्टर के मुताबिक अब चीफ जस्टिस ही जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर सकेंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक रिपोर्ट में बताया है कि नए रोस्टर में इसका पूरा विवरण दिया गया है कि कौन जज किस प्रकार का केस सुनेगा. नया रोस्टर 2 जुलाई से अमल में आएगा.


ऐसा पहली बार हुआ है जब चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रोस्टर जारी किया है. इससे पहले 2 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने दीपक मिश्रा के कामकाज को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई सवाल उठाए थे. जजों को केस आवंटन के तौर-तरीकों पर भी उंगलियां उठाई गई थीं. उस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस चेलमेश्वर भी शामिल थे जो अभी हाल में रिटायर हुए हैं.

कौन जज कैसा केस देखेगा

नए रोस्टर में स्पष्ट कर दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ही अब जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर सकेंगे. जस्टिस मदन बी. लोकुर भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण गड़बड़ी, वन्य संरक्षण, सामाजिक न्याय, उपभोक्ता संरक्षण के मसले देखेंगे. जस्टिस कुरियन जोसेफ श्रम कानून, किराया कानून, परिवार कानून और कोर्ट की अवमानना से जुड़े केस देखेंगे.

दूसरी ओर जस्टिस अरजन कुमार सिकरी अप्रत्यक्ष कानून, चुनाव और न्यायिक अधिकारियों के केस सुनेंगे. जस्टिस एस ए बोबडे अकादमिक, मुआवजा और एडमिशन से जुड़े मामले देखेंगे लेकिन इनमें इंजीनियरिंग-मेडिकल संस्थानों में एडमिशन के केस शामिल नहीं होंगे.

रोस्टर को लेकर ही इस साल 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों-जस्टिस चेलमेश्वर (रिटायर्ड), कुरियन जोसेफ, मदन भीमराव लोकुर और रंजन गोगोई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. कॉन्फ्रेंस में इन जजों ने केस आवंटन का मुद्दा गंभीरता से उठाया था और सीबीआई जज बीएच लोया की मौत से जुड़ा मामला सौंपने को लेकर विरोध जताया था.