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संवैधानिक बेंच के गठन के बाद राम मंदिर मामले पर रोज सुनवाई कर सकता है सुप्रीम कोर्ट

पांच जजों वाली पीठ में शामिल सभी जस्टिस अलग-अलग पीठों की अध्यक्षता कर रहे हैं, इसलिए मामले में सुनवाई शुरू होने के बाद इसे जल्द से जल्द तार्किक अंत तक ले जाने की उम्मीद है

FP Staff

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई द्वारा पांच सदस्यीय पीठ का गठन करने के फैसले के बाद यह माना जा रहा है कि इस मामले में अब तेजी आएगी. न्यूज-18 की खबर के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सूत्रों ने बताया कि इस मामले की सुनवाई संभवतः दिन-प्रतिदिन के आधार पर होने की संभावना है. दिन-प्रतिदिन सुनवाई का मतलब यह कत्तई नहीं हुआ कि एक सप्ताह में पूरे दिन सिर्फ एक ही मामले की सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट प्रत्येक सप्ताह सोमवार और शुक्रवार को अन्य ताजा और छोटे मामलों की सुनवाई करता है. नियमित सुनवाई के मामलों को तब अन्य तीन कार्य दिवस में सुना जाता है. रजिस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को अगले सप्ताह से हर नियमित सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.


सूत्रों ने कहा, 'एक बार संविधान पीठ के गुरुवार को बैठने के बाद तस्वीर साफ हो जाएगी और एक निश्चित रूपरेखा तय हो जाएगी. हम सीजेआई के आगे के निर्देशों का भी इंतजार कर रहे हैं ताकि अगले सप्ताह से अदालत के काम के हिसाब से योजना बनाई जाए.'

अधिकारी आगे बताते हैं कि पांच जजों वाली पीठ में शामिल सभी जस्टिस अलग-अलग पीठों की अध्यक्षता कर रहे हैं, इसलिए मामले में सुनवाई शुरू होने के बाद इसे जल्द से जल्द तार्किक अंत तक ले जाने की उम्मीद है. पीठ में सीजेआई गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं.

जस्टिस यूयू ललित ने बुधवार को कर्नाटक के एक आरक्षण के मामले की सुनवाई करते हुए पर्याप्त संकेत दिए थे कि इस विवादास्पद मामले को अगले सप्ताह से नियमित रूप से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है. यूयू ललित ने कहा कि हो सकता है कि इस आरक्षण मामले को सुनने के लिए विशेष पीठ अगले सप्ताह उपलब्ध नहीं हो क्योंकि राम जन्मभूमि मामले की सुनवाई के लिए संविधान पीठ का गठन किया गया है और मैं उस पीठ का हिस्सा हूं.