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लोया मामले से जुड़े SC के जज चीफ जस्टिस से मिलकर भावुक हुए

अरुण मिश्रा को भावुक होता देख जस्टिस जे. चेलमेश्वर ने उनके कंधे पर हाथ रखा और कहा कि वे लोग उनके खिलाफ नहीं हैं, वे तो बस मुद्दा उठाना चाह रहे थे

FP Staff

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के जजों के साथ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की एक औपचारिक बैठक हुई. बैठक के दौरान कुछ भावुक क्षण भी देखने को मिले.

ऐसा कहा जा रहा है कि जस्टिस अरुण मिश्रा इस बात को लेकर भावुक हो गए कि चार जजों ने 'अनुचित' तरीके से उनकी 'योग्यता' और 'ईमानदारी' पर प्रश्नचिन्ह लगाया.


जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि हालांकि उन चार जजों ने उनका नाम नहीं लिया, लेकिन जिस प्रकार से सीबीआई स्पेशल कोर्ट के जज बीएच लोया मामले का निष्कर्ष निकाला गया, उससे ऐसा ही लगता है.

बैठक में जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि वह बहुत मेहनत से काम कर रहे हैं और उनके ऊपर काम का बहुत बोझ भी है. उन्होंने कहा कि इससे पहले के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जेएस खेहर ने भी उन्हें बहुत मुश्किल मामले सौंपे थे.

अरुण मिश्रा को भावुक होता देख जस्टिस जे. चेलमेश्वर (मामले को उठाने वाले चार जजों में से एक) ने उनके कंधे पर हाथ रखा और कहा कि वे लोग उनके खिलाफ नहीं हैं, वे तो बस मुद्दा उठाना चाह रहे थे. इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अरुण मिश्रा को अपने चेंबर में ले गए.

जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस राजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने कोर्ट नंबर 2, 3, 4 और 5 में अपना-अपना काम संभाल लिया.

बाद में एक वकील आर.पी.लूथरा ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले कोर्ट नंबर एक के समक्ष कहा कि 'संस्थान को तबाह करने की साजिश चल रही है और मांग उठाई कि चीफ जस्टिस को चारों जजों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.' चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मांग पर पर बोला तो कुछ नहीं, लेकिन मुस्कराते जरूर देखे गए.