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पशु ब्रिकी अधिसूचना: मोदी सरकार को मिला सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

पशु बिक्री अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है.

FP Staff

पशु बिक्री अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है. इस मामले में 11 जुलाई को अगली सुनवाई होनी है. कोर्ट ने नोटिफिकेशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि जब तक केंद्र का कोई जवाब नहीं आ जाता, वह इस पर कोई आदेश नहीं देगा.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पशुओं को क्रूरता से बचाने के लिए 26 मई को नियमों में संशोधन किया था, जिसमें पशु बाजारों में कत्ल के लिए जानवरों की खरीद-फरोख्त पर रोक सुनिश्चित की गई. अब सिर्फ खेती के उद्देश्य से ही गोवंश की खरीद-फरोख्त की इजाजत मिलेगी.


मंत्रालय के नए नियम के मुताबिक अब कोई भी मवेशी को मारने के मकसद से उसे बेच नहीं सकता. मवेशी को बेचने से पहले उसे एक घोषणापत्र भी देना होगा.

इससे पहले नए नियमों को लेकर सरकार के रुख में भी थोड़ी नरमी के संकेत मिल थे. पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि नए नियम सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल नहीं हैं और वह इस पर आए सभी सुझावों का अध्ययन कर रहे हैं.

आपको बता दें कि गौमांस खाने और मवेशियों के व्यापार को लेकर विवाद एक राष्ट्रव्यापी मुद्दा बन गया और तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक समेत कई राज्यों में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हुए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रतिबंध को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया तथा कहा कि उनकी सरकार इसे स्वीकार नहीं करेगी.