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हिंसा में शामिल कांवड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे पुलिस: सुप्रीम कोर्ट

कांवड़ियों द्वारा हिंसा के मामले सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जो कांवड़िए हंगामें में शामिल थे और जिन्होंने कानून हाथ में लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए

FP Staff

कांवड़ियों द्वारा हिंसा के मामले सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जो कांवड़िए हंगामें में शामिल थे और जिन्होंने कानून हाथ में लिया है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. ऐसी घटनाएं भीड़ की हिंसा को लेकर जारी गाइडलाइंस का उल्लंघन करती हैं. कुछ दिन पहले ही कांवड़ियों ने दिल्ली के मोती नगर इलाके में एक कार तोड़ दी थी. बताया जा रहा है कि कार ने एक कांवड़ के हल्के से छू गई थी. जिसके बाद कावंड़ियों ने कार चालक पर हमला किया और उसकी कार भी चकनाचूर कर दी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चाहे इस मामले में एफआईआर न दर्ज हुई हो पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अपराध है और पुलिस को इस पर जरूर कार्रवाई करनी चाहिए. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि सभी धार्मिक समूहों को धर्म के नाम पर हंगामा और तोड़फोड़ करने की आजादी मिल गई है. इसी तरह की घटना फिल्म 'पद्मावत' की रिलीज के दौरान भी हुई थी. इस तरह की हिंसा और बर्बरता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को हर जिले के एसपी की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए.


दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को एक कांवड़िए को गिरफ्तार भी किया था जो कथित तौर पर उन लोगों में शामिल था, जिन्होंने पश्चिमी दिल्ली में एक कार को तोड़ा था. दिल्ली पुलिस ने कहा कि 48 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार करने के अपने वादे के मुताबिक हमने एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है.