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तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 2019 में मोदी की जीत की बुनियाद?  

बीजेपी की रणनीति से लग रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी देश भर में इस मुद्दे के सहारे अपने कोर वोटर को भी साधने की कोशिश करेगी

Amitesh

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से तीन तलाक को असंवैधानिक करार दे दिया गया है. अब मुस्लिम महिलाओं को महज तीन बार तलाक बोलकर तलाक नहीं दिया जा सकता. सालों से उन महिलाओं के साथ जारी नाइंसाफी का अंत आखिरकार हो ही गया.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी दलों की तरफ से इसका स्वागत किया जा रहा है. बीजेपी तो पहले से ही ट्रिपल तलाक के खिलाफ थी. लेकिन, अब बाकी दूसरे दल भी खुलकर इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं.


बीजेपी सरकार की तरफ से ट्रिपल तलाक के मसले को काफी आक्रामक तरीके से उठाया गया था. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के भीतर अपनी तरफ से दलील दी थी, लेकिन, दूसरी तरफ पार्टी ने भी इस मसले को लेकर काफी आक्रामक अभियान चला रखा था.

यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे को अलग-अलग फोरम पर उठाया था. मुस्लिम महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को रोकने की बात की थी. उनके साथ जारी नाइंसाफी को लेकर सवाल भी खड़े किए थे. अब जबकि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने मनमुताबिक फैसला सुना दिया है तो फिर श्रेय लेने की पूरी कोशिश भी हो रही है.

श्रेय लेने की कोशिश में किसी तरह का हर्ज भी नहीं है. क्योंकि इस फैसले के आने से पहले मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड के अधिकार क्षेत्र में दखल देने की बात कर सरकार और बीजेपी की कोशिश पर सवाल खड़े हो रहे थे.

बीजेपी पर समान नागरिक संहिता के अपने एजेंडे को थोपने के आरोप लगाए जा रहे थे. तथाकथित सेक्युलर ब्रिगेड के नेताओं की तरफ से लगातार बीजेपी पर देश के माहौल को खराब करने का आरोप लग रहा था.

लेकिन, बीजेपी इस मुद्दे को लगतार उठाती रही. मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण की दुहाई देकर बीजेपी ने लगातार ट्रिपल तलाक को क्रूर बताया. अब फैसला आने के बाद बीजेपी की तरफ से इसे बड़ी जीत के तौर पर पेश किया जा रहा है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हालांकि साफ कर दिया कि इस फैसले को किसी की हार या जीत के तौर पर ना देखा जाए. लेकिन, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सामने आने के बाद पार्टी इसे ऐतिहासिक फैसला बता रही है.

अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के लिए एक नए युग की शुरुआत हो गई है. शाह ने इसे स्वाभिमान और समानता के नए युग की शुरुआत बताया. बीजेपी अध्यक्ष ने ट्रिपल तलाक खत्म होने पर प्रधानमंत्री की तारीफ भी की है.

बीजेपी अध्यक्ष के तेवर से साफ है कि बीजेपी आने वाले दिनों में इस फैसले को देश के मुसलमानों की आधी आबादी के सशक्तिकरण से जोड़कर पेश करेगी. बीजेपी लगातार इस फैसले के बाद मुस्लिम महिलाओं में अपनी पैठ बनाने की कोशिश करेगी.

पार्टी की तरफ से यह प्रचारित करने का प्रयास भी होगा कि सरकार की कोशिश से ही ट्रिपल तलाक को खत्म किया जा सका है. इससे मुस्लिम समाज में खासतौर से महिलाओं को अपनी ओर खींचने का मौका मिलेगा. फिलहाल इसमें काफी हद तक सफलता भी मिलती दिख रही है.

यूपी विधानसभा चुनाव के वक्त भी बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं को अपने पाले में लाने की पूरी कोशिश की थी. उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी महिला सशक्तिकरण की बात करते हुए ट्रिपल तलाक को खत्म करने की वकालत की थी. योगी आदित्यनाथ भी लगातार इसके खिलाफ बोलते रहे.

यूपी के भीतर बीजेपी को इसका फायदा भी मिला. कई मुस्लिम बहुल इलाकों में बीजेपी के पक्ष में मुस्लिम महिलाओं ने वोटिंग की. चुनाव के वक्त भी इस तरह की बात कही जा रही थी. लेकिन, जब चुनाव परिणाम सामने आया तो फिर ये बात साफ भी हो गई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया है. मोदी ने कहा है कि इस फैसले से महिलाओं को समानता का अधिकार मिलेगा. प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया है.

बीजेपी की रणनीति से लग रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी देश भर में इस मुद्दे के सहारे अपने कोर वोटर को भी साधने की कोशिश करेगी, जो अबतक पार्टी को समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर कदम ना उठाने के लिए कोसते रहते हैं.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विरोधी दल भी इसका स्वागत कर रहे हैं. कांग्रेस की तरफ से बीजेपी को श्रेय ना लेने की नसीहत दी जा रही है. लेकिन, अब काफी देर हो चुकी है.

सेक्युलर ब्रिगेड अब चूक गया है. सियासत के इस खेल में बाजी एक बार फिर मोदी के हाथ लगी है. मोदी इस बड़ी जीत के बाद माहौल को इतनी आसानी से हाथ से नहीं निकलने देंगे.

मोदी की नजर 2019 पर है. तैयारी अभी से ही शुरू है. ऐसे में इस लड़ाई की तैयारी में ट्रिपल तलाक जैसे भावनात्मक मुद्दे पर मिली जीत 2019 में मोदी की जीत की आधारशिला साबित हो सकती है.