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जस्टिस जोसेफ मामले में SC का कॉलेजियम आज करेगा पुनर्विचार, बुलाई बैठक

सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के बीच खींचतान की वजह बने जस्टिस जोसेफ को लेकर कॉलेजियम की बुलाई गई बैठक अहम मानी जा रही है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के एम जोसेफ के मामले में आज यानी बुधवार को दोबारा से विचार करेगा. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा ने इस पर चर्चा के लिए कॉलेजियम की बैठक बुलाई है. सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच खींचतान की वजह बने जस्टिस जोसेफ को लेकर होने वाली यह बैठक अहम मानी जा रही है.

कॉलेजियम के अन्य सदस्यों में जस्टिस जे चेलामेश्वर, रंजन गोगोई, मदन बी लोकुर और कुरियन जोसेफ हैं. बुधवार की बैठक पर सबकी निगाहें होंगी. क्योंकि, कॉलेजियम के कई मेंबर केंद्र की कार्यप्रणाली पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं.


केंद्र सरकार ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट की उस सिफारिश को खारिज कर दिया था जिसमें उन्हें (के एम जोसेफ) सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की बात कही गई थी.

कॉलेजियम ने बीते 10 जनवरी को जस्टिस जोसेफ और वकील इंदु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने की सिफारिश की थी. इसपर सरकार ने 26 अप्रैल को इंदु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी थी और कॉलेजियम से जस्टिस जोसेफ के नाम पर दोबारा विचार करने को कहा था.

इंदु मल्होत्रा और के एम जोसेफ

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की तरफ से भेजे गए नोट में इसके लिए कई तकनीकी कारण गिनाए गए थे. इनमें कहा गया था कि जस्टिस जोसेफ केरल से आते हैं और सुप्रीम कोर्ट में इस राज्य का प्रतिनिधित्व पहले ही काफी है. एक और तर्क था कि वरिष्ठता सूची में जोसेफ का नंबर 45वां हैं. जोसेफ वर्ष 2014 से उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं. वर्ष 2004 में वो केरल हाईकोर्ट के स्थायी सदस्य बने थे.

बता दें कि जस्टिस जोसेफ ने ही वो फैसला दिया था जिससे वर्ष 2016 में केंद्र का उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश रद्द हो गया था. इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट की जिस बेंच ने की थी, उसके अध्यक्षता के एम जोसेफ कर रहे थे. समझा जा रहा है कि सरकार ने इस वजह से ही उनके नाम पर आपत्ति जताई और उसे कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए भेज दिया.