view all

सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात के दिशा निर्देश पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 में संशोधन से इनकार करते हुए कहा कि ये विधायी क्षेत्र का मामला है

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने कुछ विशेष मामलों में जैसे गर्भवती महिला का 20 हफ्ते के बाद गर्भपात कराने के लिए दिशा निर्देश बनाने पर सरकार से जवाब मांगा है.

जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और भारतीय चिकित्सा परिषद को नोटिस जारी किया और चार हफ्ते के भीतर उनका जवाब मांगा है.


बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 में संशोधन से इनकार करते हुए कहा कि ये विधायी क्षेत्र का मामला है. इस कानून में 20 हफ्ते के बाद गर्भपात कराने पर रोक लगाई गई है.

हाईकोर्ट कर्नाटक की अनुषा रविंद्र याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ता ने रेप पीड़िता और गर्भ में असामान्य भ्रूण रखने वाली महिलाओं के 20 सप्ताह से ज्यादा के भ्रूण को गिराने के लिए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट 1971 में संशोधन की मांग की है.