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काटजू को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

कोर्ट ने काटजू की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है.

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपने पूर्व जज मार्कण्डेय काटजू के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही बंद कर दी है. कोर्ट ने काटजू की बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है. काटजू ने 2011 में केरल में सौम्या रेप और मर्डर केस पर अपने ब्लॉग में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया था.

मामला बंद करते हुए न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने अपने आदेश में कहा, "मांगी गई माफी को हम स्वीकार करते हैं और कार्यवाही बंद करते हैं."


पूर्व जज की ओर से अदालत में पेश हुए वकील राजीव धवन ने उनकी क्षमा याचना को अदालत में पढ़ कर सुनाया. काटजू ने अपने माफी याचना में कहा ‘मैं अपने लेख के प्रकाशन के लिए बिना शर्त माफी मांगता हूं और मैंने फेसबुक पर पोस्ट किए गए अपने ब्लॉग से इसे डिलीट कर दिया है.’

अपनी बिना शर्त माफी को रिकॉर्ड में दर्ज करने का अनुरोध करते हुए काटजू ने कोर्ट से कहा ‘अगर ऐसा करने के लिए मुझे बुलाया जाता है तो मैं इसे खुली अदालत में पढ़ने के लिए तैयार हूं.’

मार्कण्डेय काटजू 2006 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे हैं.

सौम्या मर्डर केस के मुख्य आरोपी को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. जिसको 2013 में दिल्ली हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था. सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी की मौत की सजा को टालते हुए कहा था कि आरोपी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है जिससे साबित हो सके कि सौम्या को गोविंदाचामी ने मारा है.

फैसले को काटजू ने ‘ग्रॉस एरर ऑफ जजमेंट’ करार दिया था.