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सुनंदा पुष्कर मौत मामला: पटियाला हाउस कोर्ट ने लिया संज्ञान, थरूर को 7 जुलाई को होना होगा पेश

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया

FP Staff

सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को संज्ञान लिया. कोर्ट ने शशि थरूर को समन जारी किया है और उनसे 7 जुलाई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा है. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने कहा कि इस मामले में थरूर के खिलाफ कार्यवाही के लिये पर्याप्त आधार हैं.

थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा है कि मजिस्ट्रेट ने शशि थरूर को समन किया है, ऐसे में हम चार्जशीट की कॉपी मागेंगे. एक बार चार्जशीट पर पूरी नजर मारने के बाद हम फैसला करेंगे कि आगे क्या कदम उठाने हैं.

इस मामले में सुनंदा पुष्कर के पति शशि थरूर पर आरोप है कि उन्‍होंने अपनी पत्‍नी को आत्‍महत्‍या करने के लिए उकसाया था, जिसके बाद सुंनदा पुष्कर ने ऐसा कदम उठाया. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 3000 पेज की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें शशि थरूर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.

चार्जशीट के मुताबिक, सुनंदा ने अपने पति को भेजे ईमेल में लिखा था कि अब उनकी जीने की इच्छा खत्म हो चुकी थी. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि सुनंदा के मेल और सोशल मीडिया मैसेज को 'मरने की घोषणा' कहा जा सकता है.

दिल्ली पुलिस ने 14 मई को तिरुवनंतपुरम लोकसभा से सांसद थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि थरूर को साढ़े चार साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर बुलाया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं.

सुनंदा पुष्कर ने 8 जनवरी 2014 को अपने पति को ईमेल में लिखा था कि मेरी जीने की इच्छा नहीं है. मैं सिर्फ मौत की कामना कर रही हूं. इस ईमेल के 9 दिन बाद ही सुनंदा दिल्ली के एक होटल में मृत पाई गयी थीं.

सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव स्‍पेशल पब्लिक प्रॉसिक्‍यूटर ने कहा कि सुनंंदा की यह तीसरी शादी थी. जिसको 3 साल 3 महीने ही हुए थे. जो चार्जशीट फाइल की गई है वह 'अबेटमेंट फॉर सुसाइड' और क्रुएलिटी के तहत ही दायर की गई है. चार्जशीट में पुलिस ने उस कविता का भी जिक्र किया है जिसे खुद सुनंदा ने मौत से दो दिन पहले लिखा था. जिसका अर्थ निकाला जा सकता है कि मौत से पहले वह काफी डिप्रेशन में थी. मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान लेगा.

कांग्रेस नेता थरूर पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिये उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं. धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल की जेल का प्रावधान है, जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है. दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि थरूर को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.