सुकमा हमले के शहीद जवानों के पार्थिव शरीर ले जा रहे वाहन को मंगलवार देर शाम पटना में रोका गया, वो भी इसीलिए कि वहां से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला गुजर रहा था. बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव ने यह आरोप लगाया है.
आरोप में यह भी कहा गया कि पटना एयरपोर्ट पर जब इन शहीदों के पार्थिव शरीर लाए गए तो वहां नीतीश कुमार या उनकी कैबिनेट का कोई भी मंत्री मौजूद नहीं था. विपक्ष से बड़े चेहरों में भाजपा नेता रामकृपाल यादव व संजीव चौरसिया और जेडीयू नेता श्याम रजक थे.
छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में शहीद जवानों का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट से विशेष गाड़ी से लाया जा रहा था. आरोप के मुताबिक उसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का काफिला गुजरा. सीएम के काफिले के लिए जवान का पार्थिव शरीर ले जा रहे वाहन को रोक दिया गया. पार्थिव पहुंचने पर राज्य सरकार का कोई भी मंत्री शहीदों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा.
श्रद्धांजलि देने के लिए फुर्सत नहीं
बीजेपी नेता रामकृपाल यादव ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. शहादत पाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कोई मंत्री नहीं पहुंचा है. मैंने यहां दो घंटे इंतजार किया.
उन्होंने कहा, नीतीश कुमार पास में ही किसी हॉल में गांधी पर फिल्म देख रहे हैं. बिहार के 6-6 बेटे शहीद हो गए. देश के 25 जवान शहीद हो गए, लेकिन उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए ना तो नीतीश कुमार और ना ही किसी मंत्री के पास फुर्सत है.
आरोपों के मुताबिक नीतीश एयरपोर्ट के पास बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के स्थापना दिवस कार्यक्रम से निकल रहे थे. उसी दौरान शहीद जवान के पार्थिव शरीर को ले जा रही गाड़ी आई तो उसे रोक दिया गया.
नीतीश ने साधी चुप्पी
इस पूरे वाकये पर नीतीश कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है. बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के आठवां स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विकास के लिए क्षेत्रीय असंतुलन दूर करना होगा. कार्यक्रम में एक घंटे लेट से पहुंचने के कारण मुख्यमंत्री ने माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि वे गांधी पर बनी फिल्म देख रहे थे और यह ऐसी मूवी थी कि बीच में मैं छोड़ नहीं सकता था.
(साभार न्यूज 18)