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मानवाधिकार आयोग के आदेश पर सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा

अपहृत युवक के पिता वेदराम ने थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी

Bhasha

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में अपहरण और हत्या के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश पर तीन निरीक्षकों सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

पुलिस अधीक्षक के. वी. सिंह ने आज यहां बताया कि जलालाबाद क्षेत्र के समैचीपुर निवासी रामसरन (30) का 12 जून 2011 को अपहरण हो गया था. अपहृत युवक के पिता वेदराम ने थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके 11 दिन बाद 23 जून को रामसरन का शव बरेली जिले के भमौरा थाना क्षेत्र में बरामद हुआ था. इसका मामला दर्ज कर जलालाबाद थाने में भेज दिया गया था


उन्होंने बताया कि आरोप है कि उस वक्त भमौरा थाने पर तैनात रहे एवं उसके बाद तैनाती पाये दारोगा सुशील कुमार वर्मा, रामवीर सिंह, राजवीर सिंह और कांस्टेबल क्लर्क विशाल सिंह ने घटना में साक्ष्य संकलित ना करके विवेचना में लापरवाही बरती थी. इसके अलावा थाने के इंस्पेक्टर रहे एम. एम. खान, चंद्रकांत मिश्रा और अशोक कुमार सिंह पर भी लापरवाही के आरोप लगे थे.

सिंह ने बताया कि इस मामले में वेदराम ने मानवाधिकार आयोग की शरण ली थी, जिसके आदेश पर मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई थी. सीबीसीआईडी ने जांच करके अपनी रिपोर्ट आयोग को दी थी. दो दिन पहले उन्हें आयोग का आदेश मिला जिसमें लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही के आदेश दिये गए हैं.

उन्होंने बताया कि इसी क्रम में कल देर रात जलालाबाद के पुलिस क्षेत्राधिकारी बलदेव सिंह खनेडा ने आरोपी सात पुलिसकर्मियों के विरुद्ध लापरवाही के आरोप में मुकदमा दर्ज करा दिया.