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बिजली क्षेत्र में सब्सिडी वितरण कंपनियों की लागत पर नहीं हो: अमिताभ कांत

उन्होंने कहा कि देश में बिजली वितरण की बेहतर व्यवस्था और सभी घरों को विद्युत पहुंचाने के लिए फीडरों पर नजर रखने की जरूरत है

Bhasha

नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने बिजली सब्सिडी नीति में आमूल चूल बदलाव पर बल देते हुए बुधवार को कहा कि वितरण कंपनियों की लागत पर सब्सिडी देने की व्यवस्था खत्म हो और लक्षित उपभोक्ताओं को उनके खाते में सब्सिडी का अंतरण सीधे किया जाए.

उन्होंने उपभोक्ताओं के एक वर्ग को सस्ती बिजली देने के लिए दूसरे वर्ग से ऊंचा मूल्य वसूलने की क्रास सब्सिडी व्यवस्था भी बंद करने पर बल दिया. उन्होंने सब्सिडी को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिए दिए जाने और उसे आधार से जोड़ने तथा बजली वितरण में तकनीकी व वाणिज्यक नुकसान रोकने के लिए फीडर लाइनों की निगरानी सख्त करने की भी आवश्यकता बताई.


यहां बिजली उद्योग के सम्मेलन ‘इंडिया एनर्जी फोरम’ के कार्यक्रम में कांत ने कहा, ‘बिजली क्षेत्र की मजबूती के लिए वितरण कंपनियों का मजबूत होना जरूरी है. इसके लिए जरूरी है कि इसमें निजी कंपनियों को लाया जाए.’

उन्होंने यह भी कहा कि सतत रूप से 9 से 10 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने में बिजली क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका होगी.

उन्होंने कहा, ‘राज्यों में क्रास सब्सिडी नहीं हो और साथ ही जो भी सब्सिडी दी जा रही है, वह बिजली वितरण कंपनियों की लागत पर न हो. बिजली क्षेत्र में जो सब्सिडी दी जा रही है उसका हस्तांतरण डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) के जरिए किए जाने और उसे आधार से जोड़ने की जरूरत है.’ उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में पायलट परियोजना गोवा में चलाई जा रही है.

उन्होंने कहा कि देश में बिजली वितरण की बेहतर व्यवस्था और सभी घरों को विद्युत पहुंचाने के लिए फीडरों पर नजर रखने की जरूरत है और इसके बिना हम उदय योजना के जरिए भी वितरण नुकसान को कम नहीं कर सकते.