चेन्नई के तिरुवल्लूर में बच्चों के विरोध की वजह से एक टीचर का ट्रांसफर 10 दिनों के लिए रोक दिया गया. विलियाग्राम सरकारी स्कूल में बच्चों को जैसे ही पता चला कि उनके पंसदीदा अंग्रेजी टीचर का ट्रांसफर इलाके के ही दूसरे स्कूल में कर दिया गया है. यहां करीब 100 से ज्यादा बच्चों ने अपने टीचर के ट्रांसफर का विरोध शुरू कर दिया. बच्चों के साथ-साथ अभिवावकों ने भी टीचर के ट्रांसफर का विरोध किया. इस दौरान कई छात्र रोते हुए भी दिखे.
स्कूल के प्रिंसिपल ए. अरविंदन के मुताबिक, बच्चों ने अपने अभिभावकों को भी टीचर के ट्रांसफर के बारे में बता दिया था, जिससे सभी अभिवावक भी स्कूल पहुंच गए थे. बच्चों और अभिभावकों का टीचर को रोकने वाला दृश्य काफी भावुक हो गया और स्कूल प्रशासन को अपने अधिकारियों से भगवान के ट्रांसफर ऑर्डर को 10 दिनों के लिए रोकने को कहना पड़ा. प्रिंसिपल ने बताया कि भगवान उनके स्कूल के सबसे बेहतरीन टीचर हैं.
दूसरे स्कूल में ज्वाइन नहीं कर पाए भगवान
28 साल के जी. भगवान स्कूल में अंग्रेजी पढ़ाते हैं. सरकारी स्कूलों में टीचर-स्टूडेंस के अनुपात को बनाए रखने के लिए सामान्य ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत जी भगवान के नाम की भी घोषणा हुई.
स्कूल प्रिंसिपल ने बताया कि जी. भगवान के ट्रांसफर ऑर्डर के बाद स्कूल में उनकी जगह नया टीचर आया और उसने 10 बजे स्कूल ज्वाइन कर लिया है. लेकिन भगवान अपने दूसरे स्कूल में टाइम पर ज्वाइन नहीं कर पाएं, क्योंकि उन्हें बच्चों ने यहां रोक रखा था.
उधर पैरेन्ट्स एसोसिएशन ने इलाके के विधायक को भी इस मामले में निवेदन किया और टीचर के ट्रांसफर को रोकने की गुजारिश की. हालांकि विधायक ने पैरेन्ट्स को टीचर के ट्रांसफर की जरूरत का हवाला देकर समझाने की कोशिश की. प्रिंसिपल ने भी भगवान को कहा कि वो दूसरे स्कूल में भी इसी तरह से बच्चों का विश्वास जीतने में कामयाब होंगे.
अंग्रेजी टीचर भगवान ने कहा कि उन्हें टीचर कांउसलिंग प्रक्रिया के तहत ट्रांसफर कर दूसरे लोकेशन में भेजा गया है. उन्होंने कहा, 'ये अनुभव मेरे लिए जिंदगी भर की सीख है, मुझे जाना होगा लेकिन इस अनुभव ने मेरे प्रोफेशन में और भी उम्मीदें जगाई है.'
(साभार: न्यूज18)