view all

यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल चाहिए तो शाकाहारी बनिए

सावित्री बाई फुले यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल पाने वाले छात्रों को मांसाहार और शराब से दूर रहना पड़ेगा

FP Staff

पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में एक नया विवाद शुरू हुआ है. विश्वविद्यालय के छात्रों को मिलने वाले गोल्ड मेडल में से एक योग महर्षि रामचंद्र गोपाल शेलर ट्रस्ट की तरफ से दिया जाता है.

2016-17 के मेडल के लिए ट्रस्ट ने शर्त रखी है. ट्रस्ट का कहना है कि ये मेडल उसी छात्र को मिलेगा जो शाकाहारी हो और शराब न पीता हो.


यूनिवर्सिटी ने इन शर्तों के साथ सर्कुलर अपने सारे कॉलेजों को भेज दिया है. सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि जो छात्र प्राणायाम और योग करेंगे उन्हें वरीयता दी जाएगी.

विश्विद्यालय के रजिस्ट्रार अरविंद शालिग्राम का कहना है कि ये सर्कुलर 2006 से जारी होता है. चूंकि ये मेडल ट्रस्ट के जरिए दिया जाता है, इसलिए उनकी अपनी शर्तें होती हैं. विश्विद्यालय अपने किसी भी काम में छात्रों की निजी आदतों के चलते भेदभाव नहीं करती है.

दूसरी तरफ छात्रों को लेकर नाराजगी है. वो इस तरह की शर्तों को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं. डेक्कन क्रॉनिकल की खबर के मुताबिक युवा सेना के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि ये विश्विद्यालय का कार्यक्रम है या कोई रेस्टोरेंट. इस तानाशाही शर्त को वापस लिया जाना चाहिए. ध्यान इस बात पर रहे कि छात्रों की पढ़ाई अच्छे से हो और उन्हें नौकरी मिले. कोई क्या खाएगा इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए.