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सबरीमाला मंदिर: श्रीलंकाई महिला ने चढ़ीं मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियां लेकिन नहीं हुआ दर्शन

तमिल मूल की उस श्रीलंकाई महिला ने बीते गुरुवार देर रात मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ीं, श्रीलंकाई महिला शशिकला अपने पति के साथ मंदिर गई थीं

FP Staff

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस बीच श्रीलंका की रहने वाली 46 वर्षीय एक महिला ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की. तमिल मूल की उस श्रीलंकाई महिला ने बीते गुरुवार देर रात मंदिर की 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़ीं. श्रीलंकाई महिला शशिकला अपने पति के साथ मंदिर गई थीं.

बिंदू और कनकदुर्गा ने सबरीमाला मंदिर के दर्शन किए थे

वहीं श्रीलंकाई महिला ने बताया, मैं मंदिर की पवित्र सीढ़ियों तक गई लेकिन मुझे उससे आगे नहीं जाने दिया गया. मेरे पास मेडिकल सर्टिफिकेट भी था. इससे पहले मंगलवार देर रात 42 साल की बिंदू और 44 साल की कनकदुर्गा ने सबरीमाला मंदिर के दर्शन किए थे लेकिन उन्होंने पवित्र सीढ़ियों को न चढ़ते हुए दूसरे रास्ते से मंदिर में प्रवेश किया था. इसी के बाद से पूरे राज्यभर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी.

पुलिस के 38 जवानों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे

कई जगहों पर प्रदर्शन मार्च भी निकाले गए थे. इस दौरान मीडियाकर्मियों के अलावा कई लोगों को निशाना भी बनाया गया था. इसे लेकर बीते गुरुवार को केरल बंद का आह्वान किया गया था. बता दें कि महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश को लेकर राज्यभर में हुए उग्र प्रदर्शन में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि पुलिस के 38 जवानों समेत 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस हिंसा में घायल हुए 55 वर्षीय चंदन उन्नीथन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इस मामले में पुलिस ने 266 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया था.

मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं को माओवादी बताया था

पहली बार किसी मामले पर एक साथ बोलती नजर आ रही कांग्रेस और बीजेपी ने भी मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं की मंशा पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं को माओवादी बताया था. बीजेपी के वी मुरलीधरन ने कहा कि जिन दो महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया वह भक्त नहीं माओवादी थीं तो वहीं, कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्पॉन्सर दो युवा महिला मंदिर में गईं. ये कार्यकर्ता और माओवादी हैं. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 28 सितंबर को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति प्रदान की थी.