view all

महाराष्ट्र: कीटनाशक से बीस किसानों की मौत, 700 बीमार

लोगों का कहना है कि इस बार किसानों ने चीनी स्प्रे पंप का खूब इस्तेमाल किया है

FP Staff

महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. किसानों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है. मुंबई से 670 किलोमीटर दूर यवतमाल में बीते दो महीने में यहां 20 किसानों की मौत कीटनाशक से हो चुकी है. वहीं 700 किसानों का इलाज चल रहा है.

इसका असर यह है कि कई लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है. वहीं स्किन और सांस की बीमारी से भी कई किसान परेशान हो रहे हैं.


एक किसान ने बताया कि वह जब दवाई का छिड़काव रहा था उस वक्त अचानक सबकुछ धुंधला दिखाई देने लगा. इसके बाद उसे नहीं पता क्या हुआ. होश आया तो वह अस्पताल में था.

लोगों ने किया है चीनी स्प्रे पंप का इस्तेमाल 

लोगों का कहना है कि इस बार किसानों ने चीनी स्प्रे पंप का खूब इस्तेमाल किया जिससे अधिक मात्रा में कीटनाशक का छिड़काव होता है. लेकिन स्प्रे करने के वक्त किसानों और मजदूरों ने मास्क या दस्ताने नहीं पहन रखे थे. जिसकी वजह से नाक और मुंह के जरिए जहर शरीर में चला गया.

इस बीच ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए सरकार ने छिड़काव के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले मास्क और दस्ताने देने की घोषणा की है. इसके अलावा मृतक किसानों के परिजनों को 2- 2 लाख रुपये फौरी तौर पर मदद देने की भी घोषणा की गई है.

एनडीटीवी में छपी खबर के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार ने इसकी जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है. इसकी जांच गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे.

कृषिमंत्री ने जिम्मेवारी जिला प्रशासन के सिर डाली 

यवतमाल जिले में इस बार 9 लाख हेक्टेयर में कपास लगाया गया है. इस बार बारिश भी अच्छी हुई और फिर धूप निकली थी. लेकिन इस बीच बीटी कपास पर बोलवर्म्स दिखाई देने लगे.

अवासदग्रस्त किसान आत्महत्या कर रहे हैं. इंदर राठौर नाम के एक किसान ने ने अपने छत से कूदकर जान देने की कोशिश कर की. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है.

राज्य के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने कहा कि पूरे मामले में जिला प्रशासन की गलती है. उसने सही समय पर राज्य सरकार को इसकी जानकारी नहीं दी. यही वजह है कि समय से कार्रवाई नहीं की जा सकी.