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नरेला, बवाना में प्रदूषण नियंत्रण करने के लिए बनेगी स्पेशल स्क्वाड

DPCC के अधिकारी ने बताया 'यह स्पेशल स्क्वाड खाली प्लॉट में आग लगाने और कूड़ा फेंकने वालों पर नजर रखेगी.'

FP Staff

सरकारी एजेंसियों ने बवाना और नरेला के इंडस्ट्रियल जोन में वायु प्रदूषण कम करने के लिएस्पेशल स्क्वाड बनाने के लिए कहा है. यहां एयर क्वालिटी बेहद खराब श्रेणी में रहती है. इसके पीछे के मुख्य कारण फैक्ट्रियों का कूड़ा खुले में जलाना है.

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी (DPCC) ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम, DDA को स्पेशल स्क्वाड बनाने के लिए कहा है. DPCC और CPCB की टीम ने इस इलाके का दौरा किया था और पाया था कि यहां लोग खुलेआम नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं.


हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में DPCC के अधिकारी ने बताया 'यह स्पेशल स्क्वाड खाली प्लॉट में आग लगाने और कूड़ा फेंकने वालों पर नजर रखेगी. नियमों का उल्लंघन सबसे ज्यादा नरेला और बवाना के इंडस्ट्रियल एरिये में होता है. यह टीम चेक करेगी कि फैक्ट्रियों से निकलने वाला गंधा पानी भी नालियों में न जाए इससे भी पानी प्रदूषण होता है.'

पिछले हफ्ते सीपीसीबी बवाना और नरेला में 15 ऐसली जगहों की पहचान की थी जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण उत्पन्न होता है. इसके अलावा DPCC ने DDA और नॉर्थ सिविक बॉडी को अवैध इंडस्ट्री को बंद करने का आदेश दिया है.

जब CPCB और DPCC ने इंडस्ट्रीयल जोन का नवंबर में दौरा किया था तो पता चला कि यहां इंडस्ट्री और घरों से पैदा होने वाले कूड़े को इकट्ठा करने की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां खाली प्लॉट में कंस्ट्रक्शन वेस्ट और प्लास्टिक वेस्ट डाली जाती है. यहां जगह बनाने के लिए इसे खुले में आग लगा दी जाती है.