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बंगला खाली करने के मामले पर बोले तेजस्वी-SC के आदेश का करूंगा सम्मान

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वह SC के आदेश का सम्मान करेंगे लेकिन उनकी लड़ाई नीतीश कुमार सरकार के ‘मनमाने’ और ‘द्वेषपूर्ण’ कृत्य के विरुद्ध है

Bhasha

बंगला खाली नहीं करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की फटकार खा चुके राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा कि वह इस आदेश का सम्मान करेंगे लेकिन उनकी लड़ाई नीतीश कुमार सरकार के ‘मनमाने’ और ‘द्वेषपूर्ण’ कृत्य के विरुद्ध है और वह जारी रहेगी.

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं ही दो ‘आवासों’ पर कब्जा किए हुए हैं जो यहां छह बंगलों को मिलाकर बनाए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यादव की अर्जी खारिज कर दी थी और उन्हें विपक्ष के नेता के लिए आवंटित आवास में जाने का आदेश दिया था. यादव ने उपमुख्यमंत्री के लिए निर्धारित सरकारी बंगला खाली करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.


राज्य सरकार का रवैया मनमाना, द्वेषपूर्ण और भेदभावपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की दो पीठों से अर्जी खारिज होने के बाद भी अपना मुकदमा शीर्ष अदालत तक लाने को लेकर आरजेडी नेता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. यादव ने कहा कि लोगों को शायद पता नहीं है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर वह उसी प्रकार के बंगले के हकदार हैं जिस प्रकार में वह फिलहाल रह रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘(प्रावधान के तौर पर) मुझे भी उसी प्रकार का बंगला आवंटित किया गया है. लेकिन यह राज्य सरकार का मनमाना, द्वेषपूर्ण और भेदभावपूर्ण रवैया है जिसके खिलाफ मैंने संघर्ष छेड़ रखा है और मेरा लोकतांत्रिक संघर्ष जारी रहेगा.’

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पांच, देशरत्न मार्ग का बंगला खाली करने को कहा था ताकि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार वहां रह सकें. जुलाई, 2017 में नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने के बाद यादव उपमुख्यमंत्री की कुर्सी गंवा बैठे थे.