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तीन महीने से अधिक समय तक बारिश का मौसम रहने के बाद राजस्थान से दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी शुरु

अक्तूबर से दिसंबर के बीच दक्षिणी प्रायद्वीप इलाकों में बारिश लाने वाले उत्तर पूर्वी मानसून का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए इस दौर में सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है

Bhasha

शनिवार को दक्षिण पश्चिम मानसून की वापसी का दौर मैदानी इलाकों से शुरु हो गया. मौसम विभाग ने इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए बताया कि तीन महीने से अधिक समय तक देश के अधिकांश इलाकों में बारिश का दौर सुचारु रहने के बाद मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान, गुजरात के कच्छ और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र के कुछ इलाकों से शुरु हो गई है.

मौसम विभाग की वैज्ञानिक के सती देवी ने बताया कि अगले दो-तीन दिनों में पश्चिमी राजस्थान के शेष इलाकों, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात एवं उत्तरी अरब सागर क्षेत्र के शेष इलाकों से भी मानसून की वापसी शुरु होने की संभावना है. विभाग द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार राजस्थान और आसपास के इलाकों में नमी में कमी आने के बाद राजस्थान, कच्छ और उत्तरी अरब सागर क्षेत्र में शुष्क मौसम ने मानसून की वापसी को सुनिश्चित किया है.


मानसून की वापसी वाले क्षेत्रों में राजस्थान के अनूपगढ़, नागौर, जोधपुर, जालौर और नालिया शामिल हैं. विभाग ने मानसून की वापसी का अगला दौर आने वाले दो तीन दिनों में शुरु होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है.

देशभर में सामान्य बारिश:

मानसून के दौरान एक जून से 29 सितंबर तक की अवधि में देशव्यापी स्तर पर बारिश की मात्रा में सामान्य से नौ प्रतिशत कमी दर्ज की गयी है. विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में देश में बारिश के सामान्य स्तर 883.6 मिमी की तुलना में 800.4 मिमी बारिश हुई.

देश के 25 राज्यों में सामान्य बारिश होने के साथ दो राज्यों, केरल और सिक्किम में सामान्य से क्रमश: 24 और 20 प्रतिशत अधिक बारिश हुई. इसके अलावा गुजरात, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में बारिश का स्तर सामान्य से कम रहा.

विभाग ने अक्तूबर से दिसंबर के बीच दक्षिणी प्रायद्वीप इलाकों में बारिश लाने वाले उत्तर पूर्वी मानसून का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए इस दौर में सामान्य बारिश होने की संभावना जताई है. विभाग ने उत्तर पूर्वी मानसून का दीर्घकालिक पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए बताया कि इस दौरान तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण भीतरी कर्नाटक में बारिश का स्तर 89 से 111 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है.