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शोपियां मुठभेड़: आतंकी-प्रोफेसर ने पिता से कहा- 'मुझे माफ करें'

रफी के पिता फयाज अहमद भट 1990 के दशक के शुरुआत में एक आतंकी संगठन के ओवरग्राउंड कार्यकर्ता थे

PTI

शोपियां मुठभेड़ में मारे गए और अस्सिटेंट प्रोफेसर से हिजबुल के आतंकी बने मोहम्मद रफी भट ने अपने पिता फयाज अहमद भट को आखिरी वक्त में फोन करके कहा था कि वो माफी चाहता है अगर उसने अपने माता-पिता को दुख पहुंचाया. गंदरबल के चुंदाना के रहने वाले भट ने पुलिस को बताया कि सुबह-सुबह उनके मोबाइल फोन की घंटी बजी. यह फोन उनके बेटे रफी भट ने हमेशा के लिए अलविदा कहने के लिए किया था. पुलिस ने बताया कि रफी पिछले हफ्ते शुक्रवार को गायब हो गया था और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था.

एनकाउंटर की जगह पर जम्मू-कश्मीर पुलिस हर कॉल की निगरानी कर रही थी. पुलिस ने तुरंत कॉल किए गए जगह का पता लगाया और एक पुलिस टीम को रफी के घर भेजा ताकि उसके पिता उसे सरेंडर करने के लिए मना सकें.


रफी के पिता उसकी मां, बहन और बीबी के साथ एनकाउंटर की जगह पर जाने के लिए निकले भी लेकिन घर से 14 किमी की दूर पहुंचने पर उनके पास खबर आई कि उनका बेटा मुठभेड़ में मारा गया. इसके बाद रफी के परिवारवाले उसे दफनाने की तैयारी के लिए वापस घर लौट गए.

रफी के परिवार पर थी पुलिस की निगाह

रफी के पिता ने बताया कि एक पुलिस अफसर ने उन्हें कहा कि वो अपने बेटे को सरेंडर करने के लिए मनाने आएं क्योंकि वो पुलिस की बात सुनने को तैयार नहीं है. रफी के पिता ने बताया कि उनके बेटे ने उन्हें फोन करके कहा कि मैं माफी चाहता हूं अगर आपको मैंने दुख पहुंचाया हो तो और यह मेरा आखिरी कॉल है क्योंकि मैं अल्लाह से मिलने जा रहा हूं.

33 वर्षीय रफी कश्मीर यूनिवर्सिटी में कॉन्ट्रेक्ट पर सोशियोलॉजी विभाग में अस्सिटेंट प्रोफेसर था. शुक्रवार को रफी के गायब होने के बाद यह कहा जा रहा था कि वो आतंकी संगठन में शामिल हो गया है, लेकिन उसके पिता का कहना था कि उसने हथियार नहीं उठाया है.

रफी के पिता फयाज अहमद भट 1990 के दशक के शुरुआत में एक आतंकी संगठन के ओवरग्राउंड कार्यकर्ता थे. पुलिस की उनपर और उनके बेटे पर लगातार निगाह थी. रफी जब 18 साल का था तब भी उसे सुरक्षा बलों ने पाक अधिकृत कश्मीर में जाने की कोशिश करते हुए पकड़ा था. रफी अपने विषय में पीएचडी था.