गायक सोनू निगम की आंखें आज अज़ान की आवाज से खुल गई. इस बात से उन्हें इतनी तकलीफ हुई कि उन्होंने सुबह-सुबह एक के बाद एक ट्वीट कर इसके खिलाफ हल्ला ही बोल दिया.
उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'मैं मुसलमान नहीं हूं फिर मुझे क्यों सुबह उठना पड़ता है. इस तरह की जबरदस्ती वाली धार्मिकता भारत में कब बंद होगी.'
ताज्जुब है कि जिसे सोनू निगम जबरदस्ती वाली धार्मिकता कह रहे हैं, वहीं उनके ट्वीट पर किसी ने बेहद संवेदशीलता के साथ रिप्लाई किया है.
इस ट्विटर हैंडल से फिर से एक रिप्लाई आया हुआ है जिसमें उसने लिखा है, 'हम यहां सभी अलग धर्मों के लोग एकदूसरे के बीच के अंतर को स्वीकारते हुए और उसका सम्मान करते हुए साथ रहते हैं. और यही हमारा भारत है.'
सोनू निगम ने एक दूसरे ट्वीट में यहां तक लिख डाला कि, ये सब गुंडागर्दी है'.
हालांकि उनके इस ट्वीट पर एक प्रकाश जोशी नाम के ट्विटर हैंडल से बेहद दिलचस्प जवाब आया है. उसने लिखा है, 'ये दरअसल हमारी समस्या है. कोई खाली बैठा सेलिब्रिटी कुछ ट्वीट कर दे और हम उस पर झगड़ने लगें. और तो इससे कुछ होने वाला है नहीं.
सोनू निगम ने लाउडस्पीकर से आपत्ति जताई. उन्होंने लिखा, जब इस्लाम धर्म बना तब बिजली तो आती नहीं थी फिर लाउडस्पीकर पर अज़ान पढ़ने की क्या जरूरत.
इस बात पर जवाब बहुत ही दिलचस्प मिला है. लोगों ने उनसे पूछा कि हिंदू धर्म के त्योहारों में भी लाउडस्पीकर लगाए जाते हैं.
उसने एक और रिप्लाई में लिखा, 'आज से पहले ये दिक्कत क्यों नहीं हुई. अभी के माहौल में इस तरह की बातों को तबज्जो दिया जा रहा है इसलिए ये भी खेल रहे हैं.'
हालांकि सोनू ने ट्वीट कर कहा कि वह मंदिरों और गुरुद्वारों में भी धर्म के नाम पर लाउडस्पीकर के खिलाफ हैं.