जम्मू-कश्मीर के सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में बीते मंगलवार एक बीएसएफ जवान के शरीर को पाकिस्तान सैनिकों द्वारा क्षत-विक्षत करने के बाद जवान के घर हरियाणा में रोष का माहौल है.
शहीद जवान नरेंद्र सिंह के बेटे का कहना है कि ये हमारे लिए गर्व की बात है क्योंकि हर किसी को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य हासिल नहीं होता, लेकिन हम केवल गौरवान्वित महसूस कर के नहीं रह सकते. आज हम गर्व महसूस कर रहे हैं, कल कोई दूसरा मरेगा तो हम दोबारा गर्व महसूस करेंगे, लेकिन कब तक? हम अधिकारियों से कार्रवाई की मांग करते हैं.
मैं और मेरा भाई दोनों ही बेरोजगार हैं. मेरे पिता ही इकलौते थे जो कमाते थे. अब वो भी नहीं रहे. मैं चाहता हूं कि अधिकारी हमारी हर संभव मदद करें.
बीते मंगलवार को पाकिस्तान सैनिकों द्वारा क्षत-विक्षत की हुई बीएसएफ के हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह के शरीर में तीन गोलियां लगी थीं. पीठ पर करंट से झुलसाने के निशान थे और आंखें निकाली हुई थीं. पाकिस्तान रेंजर्स ने जवान के पार्थिव शरीर को भारत को सौंपने के बजाय उसके साथ बर्बरता की थी.
शहीद की पहचान बीएसएफ की 176 बटालियन के हेड कांस्टेबल नरेंद्र कुमार(50) निवासी थाना कला, जिला सोनीपत, (हरियाणा) के रूप में हुई है.