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'नरेंद्र मोदी को समर्थन देना मेरी भूल थी'

अरुण शौरी ने कहा 'मैंने बड़ी गलतियां कीं. वीपी सिंह से लेकर मोदी को समर्थन देना इनमें शामिल है'

FP Staff

बीजेपी के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के बाद निशाने पर चल रहे पीएम नरेंद्र मोदी पर पार्टी के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री ने एक हफ्ते में दूसरी बार तीखा हमला बोला है. हिमाचल प्रदेश के सोलन के कसौली में खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल में ‘How to recognize ruler what they are' विषय बोलते हुए पर शौरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी को समर्थन देना उनकी भूल थी.

शुक्रवार को इस साहित्य समारोह के उद्घाटन शौरी ने कहा, ‘मैंने बड़ी गलतियां कीं. वीपी सिंह से लेकर मोदी को समर्थन देना इनमें शामिल है.’ ‘शौरी ने कहा, ‘ये मत सोचिए कि आपके नेता सत्ता में आते ही बदल जाएंगे.'


उनके चरित्र को परखिए. जांचिए वो अपनी बातों पर कितने खरे हैं.’ शौरी ने कहा कि हम लोगों ने बिना तथ्य परखे नरेंद्र मोदी को अवसर दिया, लेकिन अब आंखें खोलने का वक्‍त है. शौरी ने कहा कि मीडिया ने गुजरात मॉडल पर कभी सवाल नहीं उठाया.

नोटबंदी को बताया था सबसे बड़ा घोटाला

इससे पहले, शौरी मोदी सरकार और उसकी आर्थिक नीतियों की आलोचना कर चुके हैं. शौरी ने नोटबंदी को कालेधन को सफेद करने वाला देश का सबसे बड़ा घोटाला बताया था.

शौरी ने कहा कि खुशवंत सिंह और मेरे में दो बातें कॉमन हैं. खुशवंत सिंह ने आपातकाल और संजय गांधी को सपोर्ट कर दो बड़ी गलतियां की. और ऐसी ही गलतियां मेरी ओर से भी हुई हैं.

शौरी ने गुजरात मॉडल पर भी सवाल उठाए. गुजरात मॉडल एक इवेंट मैनेजमेंट था. किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर मॉडल है क्या? हर रोज बात होती रही कि हजारों करोड़ रुपए का निवेश आ गया है, लेकिन कहां आया, किसी ने चैक नहीं किया.

जीडीपी पर सरकार को घेरा

शौरी ने देश की जीडीपी और विकास को लेकर केंद्र सरकार को घेरा. कहा-जीडीपी गिर रही है. केंद्र सरकार ने कहा था युवाओं को नौकरियां मिलेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. विकास में भी भारत पिछड़ता जा रहा है. यह चिंता बात है.

बीजेपी के शत्रुघ्न सिन्हा ने भी साधा निशाना

बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी अरुण शोरी की ताल में ताल मिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार बातें और वायदे तो बहुत कर रही है. लेकिन भाषण देने से कुछ नहीं होता. कुछ कर के दिखाना होता है. उन्होंने कहा कि वास्तविकता वर्तमान में हालात से अलग है. अगर यही हालात रहते हैं, तो 2019 में होने वाले चुनावों में जीत हासिल करना टेडी खीर होगी.

शत्रुघ्न सिन्हा, यही नहीं रुके, उन्होंने शंका जताई कि ताजा हालात ऐसे हैं कि 2019 से भी पहले चुनाव हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि हालात को दरुस्त करने की आवश्यकता है, वर्ना इसका फर्क उन राज्यों पर भी पड़ेगा, जिनमें अभी चुनाव होने वाले हैं.