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सोहराबुद्दीन केस: ये रहे उन 22 लोगों के नाम, जिन्हें सीबीआई कोर्ट ने किया बरी

सीबीआई की विशेष अदालत ने इन 22 आरोपियों को बरी किया है

FP Staff

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में 22 आरोपियों को शुक्रवार को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने बरी कर दिया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसे तीन लोगों की मौतों का दुख है लेकिन चूंकि अभियोजन पक्ष के पास साबित करने लायक सबूत नहीं हैं, ऐसे में वो बिना सबूतों के नतीजे पर नहीं पहुंच सकता इसलिए इन आरोपियों को बरी किया जाता है.

सोहराबुद्दीन शेख, उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी तुलसी प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ में की गई हत्या के मामले में सीबीआई ने जिन आरोपियों को बरी किया है, उनके नाम ये रहे-


अब्दुल रहमान: राजस्थान में तत्कालीन पुलिस निरीक्षक. सीबीआई के मुताबिक, वह उस टीम का हिस्सा था जिसने शेख और कौसर बी को अगवा किया. उस पर शेख पर गोली चलाने का भी आरोप था.

नारायणसिंह डाभी: गुजरात एटीएस में तत्कालीन इंस्पेक्टर. डाभी पर शेख की कथित हत्या करने वाली टीम का हिस्सा होने का आरोप था.

मुकेश कुमार परमार: गुजरात एटीएस में तत्कालीन डीएसपी. परमार पर शेख की कथित हत्या करने वाली टीम का हिस्सा होने का आरोप था.

हिमांशुसिंह राजावत: राजस्थान पुलिस का तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर. राजावत पर शेख की कथित हत्या करने वाली टीम का हिस्सा होने का आरोप था.

श्याम सिंह चारण: राजस्थान पुलिस का तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर. शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने का आरोपी.

राजेंद्र जीरावाला: गुजरात में एक फार्म हाउस का मालिक. सीबीआई के मुताबिक, उसे इस बात की जानकारी थी कि शेख और कौसर बी को रखने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा उसके फार्म हाउस का इस्तेमाल किया जा रहा है. उस पर शेख और कौसर बी को अवैध रूप से बंधक बनाए रखने में मदद करने का आरोप था.

आशीष पांड्या: गुजरात पुलिस का तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर. उस पर तुलसीराम प्रजापति पर गोली चलाने का आरोप था.

घट्टामनेनी एस राव: आंध्र प्रदेश पुलिस का तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर. उस पर शेख और कौसर बी को आंध्र प्रदेश से गुजरात ले जाने का आरोप था.

युद्धबीर सिंह, करतार सिंह, नारायणसिंह चौहान, जेठासिंह सोलंकी, कांजीभाई कच्छी, विनोदकुमार लिम्बछिया, किरण सिंह चौहान और करण सिंह सिसोदिया: सीबीआई ने कहा कि वे प्रजापति की कथित हत्या करने वाली गुजरात एवं राजस्थान पुलिस की संयुक्त टीम का हिस्सा थे.

अजय कुमार परमार और संतराम शर्मा: गुजरात पुलिस के तत्कालीन कांस्टेबल. उन पर शेख और उसकी पत्नी को गुजरात ले जाने वाली टीम का हिस्सा होने का आरोप था.

बालकृष्ण चौबे: गुजरात एटीएस का तत्कालीन इंस्पेक्टर. सीबीआई के मुताबिक, वह उस जगह पर मौजूद था जहां शेख की कथित हत्या की गई. सीबीआई ने कहा कि उसने कौसर की के शव को ठिकाने लगाने में मदद की.

रमणभाई के. पटेल: गुजरात सीआईडी का जांच अधिकारी. सीबीआई ने उस पर शेख मुठभेड़ मामले में ‘गलत जांच’ करने का आरोप लगाया था.

नरेश वी चौहान: गुजरात पुलिस का तत्कालीन सब-इंस्पेक्टर. सीबीआई के मुताबिक, वह उस फार्म हाउस में मौजूद था जहां कौसर बी को रखा गया था. जांच एजेंसी के मुताबिक, वह उस जगह भी मौजूद था जहां कौसर बी का शव ठिकाने लगाया गया.

विजयकुमार राठौड़: गुजरात एटीएस का तत्कालीन इंस्पेक्टर. उस पर कौसर बी का शव ठिकाने लगाने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप था.