सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण पर अंकुश के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की. इसके बाद केंद्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सरकारों को इस संबंध में नोटिस जारी किए.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए. एम. खानविकलकर और जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि किसी भी अन्य अदालत में प्रदूषण को लेकर चल रही कार्यवाही पर रोक नहीं होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सबंधित राज्य सरकारों को जिस याचिका पर नोटिस जारी किया है. उसमें प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिए जाने की अपील की गई है.
याचिका वकील आर. के. कपूर ने दायर की है. इसमें दावा किया गया है कि सड़कों पर बढ़ते हुए धूल के कण, दिल्ली के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पड़ोसी इलाकों में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है.
याचिका में केंद्र और संबंधित राज्य सरकारों को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि सड़क पर धूल के कण और पराली जलाने पर अंकुश के लिए उपाय किए जाएं. याचिका में ऑड-इवन कार योजना भी कारगर तरीके से लागू करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.