बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 11 अक्तूबर को एक कार्यक्रम के दौरान एक युवक द्वारा उनकी ओर चप्पल फेंके जाने की चर्चा करते हुए कहा कि बहुत से लोग प्रचार के चक्कर में उटपटांग काम करते हैं. नीतीश कुमार, लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर पार्टी द्वारा पटना बापू सभागार में आयोजित एक छात्र समागम में हिस्सा ले रहे थे.
इसी सभा में चंदन नामक एक युवक ने आरक्षण नीति के विरोध में मंच की ओर चप्पल फेंका था. इस बात का जिक्र करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि 'आजकल देखिए जितना भी अच्छा आप काम करते रहिए उसका कोई महत्व नहीं है. अगर एक ने चप्पल उठाकर फेंक दिया तो उसकी जोरशोर से चर्चा होने लगी.' नीतीश ने कहा हम लोगों की सेवा के प्रति समर्पित हैं और आगे उनके लिए काम करते रहेंगे.
न्याय के साथ विकास:
नीतीश ने कहा कि 'मेरा विश्वास शुरु से ही न्याय के साथ विकास में हैं. सरकार में आने के बाद से ही न्याय के साथ विकास के कार्य में लगे हैं.' उन्होंने कहा कि 'आज तकनीक का दुरुपयोग भी हो रहा है और समाज में कटुता एवं घृणा का वातावरण कुछ लोग पैदा कर रहे हैं. इससे सचेत रहने की जरुरत है.'
उन्होंने कहा कि 'आज ही के दिन वर्ष 1956 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने बौद्ध धर्म को अपनाया था. बुद्ध का संदेश शांति और अहिंसा का था. वे कटुता के हिमायती नहीं थे. हम लोग बाबा साहब के संदेशों को आत्मसात करने के लिए संकल्प लें.'