view all

AICTE से 6 राज्यों की मांग, 2018 से नहीं खुलें नए इंजीनियरिंग कॉलेज

इंजीनियरिंग कॉलेजों में हर वर्ष सीटें खाली रह जाने से इन राज्यों ने एआईसीटीई से मौजूदा संस्थानों में क्षमता विस्तार पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है

FP Staff

देश के छह राज्यों हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और तेलंगाना ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) से अगले साल यानी वर्ष 2018 से अपने यहां नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर रोक लगाने का आग्रह किया है.

हाल के वर्षों में यह देखने में आया है कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में सीटें लगातार खाली रह जा रही हैं. इसे देखते हुए इन राज्यों ने एआईसीटीई से मौजूदा संस्थानों में क्षमता विस्तार पर भी अस्थायी प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है. देश में तकनीकी शिक्षा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई का हिस्सा 70 फीसदी है. जबकि बाकी का हिस्सा एमबीए, फार्मेसी, कंप्यूटर एप्लिकेशन (एमसीए), आर्किटेक्चर, टाउन प्लानिंग, होटल मैनेजमेंट और 'एप्लाइड कला और शिल्प' कोर्सेस का है. एआईसीटीई द्वारा 2016-17 के जारी आंकड़ों के मुताबिक देश भर के 3,291 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 15.5 लाख बीई/ बी.टेक सीटों में से 51 फीसदी सीटें में खाली रह गईं. इंडियन एक्सप्रेस ने हाल ही में एआईसीटीई के दिए इन आंकड़ों की जांच की.


एआईसीटीई के चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि परिषद ने छह राज्यों में से चार हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के सुझावों को स्वीकार कर लिया है. उन्होंने कहा कि इन राज्यों में भविष्य में नए इंजीनियरिंग संस्थानों को मान्यता उनसे सलाह कर के ही दी जाएगी.

सहस्रबुद्धे ने कहा कि हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश ने हमसे किसी नए संस्थानों की अनुमति नहीं देने की अपील की है. यह एक अच्छा संकेत नहीं है. हरियाणा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना ने इसके पीछे कारणों और भविष्य की योजना का हवाला देकर ऐसा करने का आग्रह किया है. इसलिए हमने दोनों राज्यों (मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश) से उनके अनुरोध पर फिर से विचार करने को कहा है.