संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी मामलों की एजेंसी ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षित और सम्मानजनक घर वापसी के लिए म्यांमार में अब भी माहौल अनुकूल नहीं है.
एजेंसी ने इस बात का उल्लेख किया कि ऐसे माहौल पैदा करने का दायित्व म्यांमार के प्रशासन पर है.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त और बांग्लादेश सरकार ने 13 अप्रैल को जिनीवा में एक समझौता ज्ञापन ( एमओयू ) को अंतिम रूप दिया. यह ज्ञापन म्यांमार में माहौल अनुकूल होने की स्थिति में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्वतः वापसी से संबंधित है.
शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘यूएनएचसीआर यह मानता है कि शरणार्थियों की सुरक्षित, सम्मानजनक और सतत घर वापसी के लिए म्यांमार में अब भी स्थिति अनुकूल नहीं है. अनुकूल माहौल पैदा करने की जिम्मेदारी वहां के प्राधिकारियों की है और यह निश्चित रूप से हर तरह की सुविधा की व्यवस्था के लिए होने वाली भौतिक संरचनाओं की तैयारी के अलावा होना चाहिए.’
म्यांमार के लिए पहले रोहिंग्या शरणार्थी परिवार के अपने देश रवाना होने के बीच कार्यालय की यह टिप्पणी सामने आई है.
सरकार की सूचना समिति के अनुसार, ‘एक ही परिवार के पांच सदस्य रविवार तो रखाइन प्रांत के तौंगपायोलत्वेई शहर में स्वदेश लौटने वाले शरणार्थियों के लिए बने शिविर में लौट आए.’