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सरकार को शिवसेना की खरी-खरी: ICJ के आदेश पर न हों अधिक उत्साहित

सामना में संपादकीय लेख में कहा- कुलभूषण जाधव के सुरक्षित देश लौटने तक हमारी चिंता खत्म नहीं होगी

Bhasha

शिवसेना ने कुलभूषण जाधव मुद्दे पर सरकार को खरी खरी सुनाई है. शिवसेना ने कहा कि कुलभूषण की सुरक्षित घर वापसी तक सरकार इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) के फैसले पर अधिक उत्साहित न हों.

हालांकि पार्टी ने नौसेना के पूर्व अधिकारी की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय द्वारा उठाए गए प्रयासों की सराहना भी की. पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोपों में कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी.


शनिवार को शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय लेख में कहा गया कि ‘पाकिस्तान की सभी दलीलें हेग स्थित आईसीजे में खारिज हो गई हैं लेकिन लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. हम पाकिस्तान की हरकतें नहीं भूल सकते और लाहौर जेल में सरबजीत की कायराना हत्या को भी भुलाया नहीं जा सकता.'

कुलभूषण के सुरक्षित देश लौटने तक चिंता खत्म नहीं होगी

लेख में लिखा गया कि सरकार को आईसीजे के आदेश पर इतना उत्साहित नहीं होना चाहिए. उन्हें यह याद रखना चाहिए कि कुलभूषण के सुरक्षित देश लौटने तक हमारी चिंता खत्म नहीं होगी.’

शिवसेना ने कहा कि शुरुआत से ही विदेश मंत्रालय की ओर से उठाए गए कूटनीतिक कदम जाधव मामले में अहम साबित हुए. विदेश मंत्री शुरु से यह भरोसा दे रही थीं कि कुलभूषण जाधव की जिंदगी बचाने के लिए भारत हर संभव कदम उठाएगा. उनका यह भरोसा पहले चरण में सही साबित हुआ है. इसके लिए उनको बधाई दी जानी चाहिए.

शिवसेना ने आईसीजे में भारत का पक्ष रखने वाले वकील हरीश साल्वे की भी तारीफ की. पार्टी ने कहा कि अंतरिम आदेश भारत के पक्ष में आया क्योंकि साल्वे ने मामले को असरदार तरीके से पेश किया, तथ्यों को सामने लाए और पाकिस्तान द्वारा विएना संधि के प्रावधानों के उल्लंघन को प्रमुखता से उठाया.

कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने पिछले साल मार्च में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार करने का दावा किया था. भारत ने दर्जनों बार राजनयिक पहुंच की कोशिश की, लेकिन पाकिस्तान ने इसकी इजाजत नहीं दी.

मामला अंतर्राष्ट्रीय अदालत में पहुंचने पर आईसीजे ने 18 मई को भारत को राहत देते हुए पाकिस्तान से कहा कि, वह अंतिम आदेश आने तक यह सुनिश्चित करे कि जाधव की मौत की सजा न दी जाए.