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तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं के साथ अत्याचार है: शबाना आजमी

तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के मुद्दे पर कोई दो राय नहीं होनी चाहिए

Bhasha

अभिनेत्री और कार्यकर्ता शबाना आजमी ने रविवार को कहा कि तीन तलाक अमानवीय है और यह हर मुस्लिम महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है.

उन्होंने कहा कि मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना सरकार का दायित्व है और तीन तलाक की प्रथा को खत्म करने के मुद्दे पर कोई दो राय नहीं होनी चाहिए.


शबाना ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘तीन तलाक अमानवीय है और हर मुस्लिम महिला के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है.’

उन्होंने कहा, ‘तीन तलाक प्रणाली पूरी तरह अमानवीय है और मुस्लिम महिलाओं को समानता या सशक्तिकरण के उनके अधिकार से वंचित करती है.’

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि पवित्र कुरान भी कहीं भी तीन तलाक की इजाजत नहीं देती है.’

महिलाओं की प्रगति ही असली प्रगति है 

देशभर में तीन तलाक पर बड़ी बहस चल रही है. तीन तलाक की संवैधानिक वैधता को चुनौती देती कुछ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शबाना आजमी ने कहा कि समाज की प्रगति आंकने का एकमात्र सच्चा और सही तरीका यह देखना है कि वहां की महिलाएं कितनी सशक्त हैं.

उन्होंने कहा, ‘जो महिलाएं सशक्त हैं उन्हें अन्य महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास करने चाहिए. उन्हें अन्य सहायता समूहों का गठन करना चाहिए.’