सर्विस चार्ज पर सरकार ने नोटिफिकेशन दे दिया है. सरकार ने यह साफ कर दिया है कि सर्विस चार्ज पूरी तरह ग्राहकों की मर्जी पर निर्भर करेगी. इस मामले में रेस्तरां की मनमानी नहीं चलेगी.
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि सकार ने सर्विस चार्ज पर गाइडलाइंस जारी कर दिया है.
मंत्री ने कहा कि होटल्स और रेस्तरां अब सर्विस चार्च नहीं वसूल सकते हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सरकार जल्द ही राज्यों को गाइजलाइंस भेजेगी.
उन्होंने कहा कि होटल और रेस्तरां इस बात का फैसला नहीं कर सकते हैं कि ग्राहक कितना सर्विस चार्ज देंगे.
पासवान की ट्वीट किया है कि जरूरी कार्यवाही के लिए गाइडलाइंस राज्यों को भेजे जाएंगे.
गाइडलाइंस के मुताबिक बिल में सर्विस चार्ज का कॉलम खाली रहेगा. पेमेंट करने से पहले ग्राहक इसे अपनी मर्जी से भरेंगे.
क्या था मामला?
पिछले कई महीनों से मंत्रालय को रेस्टोरेंट द्वारा जबरन सर्विस चार्ज वसूले जाने पर शिकायतें मिल रही थी.
जिसमें टिप के ऐवज में रेस्टोरेंट 5 से लेकर 20 फीसदी तक सर्विस चार्ज ग्राहकों से वसूलने की बात कही जा रही थी. ग्राहकों को यह चार्ज रेस्टोरेंट में कैसी भी सर्विस मिलने पर देना पड़ रहा था.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने ग्राहकों की शिकायतों पर होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया से सफाई मांगी थी.
सरकार को लिखित जवाब में एसोसिएशन ने कहा कि, सर्विस चार्ज देना पूरी तरह से ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर है. होटल में दी गई सुविधा से ग्राहक संतुष्ट नहीं है तो वो इस चार्ज को बिल से हटाने के लिए कह सकता है.
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से अपील की है कि वो सर्विस चार्ज संबंधित कानून को व्यापक बनाने का प्रयास करें. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस नियम के बारे में जान सकें.