view all

प्यार के लिए तिब्बत के बौद्ध संत ने छोड़ा भगवान का साथ

बचपन की दोस्त से शादी करने के लिए वरिष्ठ तिब्बती लामा ने संत की उपाधि त्याग दी

FP Staff

उत्तर प्रदेश की नई सरकार भले ही एंटी रोमियो स्कवॉड बनाकर रोमियो को दौड़ा-दौड़ाकर मार रही हो, लेकिन यहां मामला कुछ और ही है.

प्यार का मामला?


एक वरिष्ठ तिब्बती लामा ने अपने प्यार के लिए भगवान को छोड़ दिया. जी हां, तिब्बत के एक संत ने दिल्ली में अपनी बचपन की दोस्त से शादी करने के लिए संत की उपाधी (मॉन्कहुड) त्याग दी.

33 साल की थायो दोरजी ने दावा किया था कि वे करमापा लामा का पुनर्जन्म है. करमापा लामा के तिब्बती बौद्ध धर्म के चार बड़े स्कूलों के लीडर में से एक हैं.

हालांकि करमा काग्यू स्कूल के दूसरे मॉन्क भी ‘उरग्येन ट्रिनले’ उपाधि पर अपनी दावा करते हैं. इस पर मतभेद के कारण तिब्बती बौद्ध धर्म दो हिस्सों में बंट गया.

शादी के ऐलान से चौंकी दुनिया 

लेकिन गुरुवार को थाये दोरजी ने एक हैरतअंगेज ऐलान करके सबको चौंका दिया. थाये दोरजी के ऑफिस से यह बताया गया कि 25 मार्च 2017 को उन्होंने एक सादे समारोह में शादी कर ली.

थाए दोरजी का कहना है, ‘मुझे भीतर से लगता है कि शादी करने के फैसले का मेरे और मेरे वंश पर सकारात्मक असर होगा.’

एचटी से साभार