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सेल्फी ऐड: युवाओं के सपनों को हथियार बनाकर कैसे अपनी दुकान चला रही हैं कंपनियां

मोबाइल कंपनियों ने फोन के विज्ञापन के साथ अब लोगों के इमोशन को भी हथियार बनाना शुरू कर दिया है. इसका उदाहरण हाल ही में आए एक मोबाइल फोन ऐड से लिया जा सकता है

FP Staff

सेल्फी...आत्ममुग्ध होने का मौजूदा दौर में इससे बेहतर उदारण नहीं मिलता. झील के किनारे, लहरों के बीच, बड़े झूले पर... सेल्फी लेने की कोशिश में जान गंवाने के कई मामले हैं. युवाओं पर सेल्फी का पागलपन सवार है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक साल 2017 में एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें सेल्फी लेते वक्त हुई मौतों के मामले में भारत टॉप पर था. मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, बहुत ज्यादा सेल्फी लेना या पोस्ट करना एक तरह का मेंटल डिस्ऑर्डर है. इसे 'सेल्फीटिस' कहते हैं. यह टर्म पहली बार 2014 में इस्तेमाल किया गया था.

युवाओं के पीछे पड़ा सेल्फी का भूत!


अजीबोगरीब चेहरे बनाकर सेल्फी लेने का जो चलन शुरू हुआ है, उसका अंत फिलहाल कहीं नजर नहीं आता. ऐसे दौर में जब युवाओं के सिर से सेल्फी का 'भूत' उतारने की दिशा में कोशिश होनी चाहिए, फोन कंपनियां इसे और बढ़ावा दे रही है.

इस फोन का कैमरा सबसे बेहतर है. यह सेल्फी वाला फोन है. इस फोन के फोटो में आप मेकअप में नजर आ सकते हैं. इसमें आप गोरे नजर आएंगे. मार्केटिंग के पैतरें यहीं खत्म नहीं होते. मोबाइल कंपनियों ने फोन के विज्ञापन के साथ अब लोगों के इमोशन को भी हथियार बनाना शुरू कर दिया है. इसका उदाहरण हाल ही में आए एक मोबाइल फोन ऐड से लिया जा सकता है.

MOBISTAR नाम की एक कंपनी है जिसके मोबाइल की USP ही फिल्टर वाली सेल्फीज है. ऐसे में खुद को लोगों की नजर में लाने के लिए और दूसरों से बेहतर दिखाने के लिए कंपनी ने लोगों के इमोशन को हथियार बनाया है. हाल ही Mobistar मोबाइल फोन का ऐड आया है जिसमें कपंनी ने छोटे शहर की लड़कियों को अपनी टारगेट ऑडियंस बनाया है.

एक छोटे शहर की लड़की जो अपने बड़े-बड़े सपने पूरा करना चाहती है और ये फोन उन सपनों को पूरा करने का एक जरिया बनता है. इसी खास आइडिया के साथ ये ऐड बनाया गया है.

क्या है ऐड में?

इस ऐड में लड़की दिखाई गई है, जो सेल्फी क्वीन के एक कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेती है. ऐड में दिखाया गया है कि लड़की छोटी शहर की है और उसे औरों की तरह मेकअप भी नहीं आता. उसकी एक सहेली भी उसे यही ताना मारकर चली जाती है कि तुम बिना मेकअप के बाकी लड़कियों से कैसे कंपीट करोगी. लड़की उदास हो जाती है और अपने एक दूसरे दोस्त को कहती है कि छोटे शहर की लड़कियों को बड़े सपने नहीं देखने चाहिए. तभी उसका दोस्त उसके हाथ में मोबी स्टार का फोन दे देता है, जिससे लड़की खुद की सेल्फी लेती है. उस सेल्फी में बिना मेकअप के भी लड़की की काफी सुंदर तस्वीरें आती है और बाद में उन्हीं सेल्फी के बदौलत वो कॉन्टेस्ट भी जीत जाती है.

किसी भी लड़की के लिए उसके सपने पूरे होना कितनी बड़ी बात होती है ये शायद उसके अलावा कोई और नहीं जान पाता होगा. लड़कियों के इसी इमोशन को हथियार बनाकर इस फोन को पेश किया गया है.  ये समय ऐसा है जब हमें युवाओं के सर से इस सेल्फी के भूत को उतार कर उन्हें सही-गलत में फर्क समझाना चाहिए, लेकिन फिर कुछ ऐसी कंपनिया आ जाती जो बिना कुछ और सोचे खुद युवाओं के सपनों और इमोशन के साथ खेलकर अपनी दुकान चलाती हैं.