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सहारा प्रमुख को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी: चेक बाउंस हुआ तो जाना पड़ेगा तिहाड़

कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि सहारा द्वारा जमा कराए गए चेक बाउंस नहीं होने चाहिए

FP Staff

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने 15 जून तक पैसे जमा नहीं करवाए तो उन्हें जेल भेजा जा सकता है. कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि सहारा द्वारा जमा कराए गए चेक बाउंस नहीं होने चाहिए.

इस मामले की अगली सुनवाई 19 जून को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस तारीख को सुब्रत रॉय को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को भी कहा है.


कोर्ट ने दिया था एंबी वैली की नीलामी का आदेश 

17 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम ने सहारा के लोनावला स्थित एंबी वैली की नीलामी का आदेश सुनाया था. इस सुनवाई के बाद सहारा ने 34,000 करोड़ रुपए की एंबी वैली की नीलामी को रोकने के लिए 1500 करोड़ रुपए और 552 करोड़ रुपए के दो पोस्ट-डेटेड चेक जमा करवाए थे.

सहारा ने कोर्ट में वादा किया है कि 1500 करोड़ रुपए के चेक का भुगतान 15 जून या उससे पहले हो जाएगा और 552 करोड़ रुपए के चेक का भुगतान 15 जुलाई या उससे पहले हो जाएगा.

इससे पहले 6 अप्रैल को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को कहा था कि यदि सहारा-समूह सेबी-सहारा रिफंड खाते में 17 अप्रैल तक 5,092.6 करोड़ रुपए जमा कराने में विफल रहता है तो उसकी पुणे की एंबे वैली की नीलामी की जाएगी.

फिलहाल एंबी वैली की नीलामी भी नहीं होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बॉम्बे हाईकोर्ट के ऑफिसर लिक्विडेटर को नीलामी के लिए पब्लिक नोटिफिकेशन की तैयारी करने को कहा है और 19 जून को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने को कहा है.

सेबी ने कोर्ट को बताया कि सहारा को करीब 25 हजार करोड़ रुपए देने थे, जिसमें से वह 12 हजार करोड़ रुपए जमा करा चुके हैं, जो कि ब्याज समेत 14 हजार करोड़ हो चुके हैं. अब भी 11169 करोड़ रुपए बकाया हैं.

सहारा की ओर से कहा गया कि वह पैसा लौटाना चाहते हैं और एंबी वैली की नीलामी न की जाए क्योंकि उनके लिए यह एकमात्र आय का साधन है. इसका 40.40 फीसदी हिस्सा कॉपरेटिव सोसाइटी के पास है.

क्या है मामला?

सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रत राय और दो अन्य निदेशकों को समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड द्वारा 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपए का रिफंड करने के आदेश का पालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद सुब्रत राय को 6 मई, 2016 को अपनी मां की अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का परोल दिया था. तब से अब तक कई बार उनके परोल को बढ़ाया गया है.

निवेशकों के पैसे को नहीं लौटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुब्रत राय को 4 मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था.