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SC/ST विधेयक इसी सत्र में पारित करा सकती है सरकार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम इस बारे में वैसा ही विधेयक लाएंगे, जैसा कानून था. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो उससे भी कड़ा कानून लाएंगे

Bhasha

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट ने नए अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण विधेयक (एससी/एसटी विधेयक) को मंजूरी दी है और सरकार इसे मौजूदा सत्र में ही पारित कराना चाहती है.

इससे पहले सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार ने दलितों की सुरक्षा तय करने के लिए मौजूदा सत्र में नया विधेयक लाने और पारित कराने की मांग की. उन्होंने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से दलितों की सुरक्षा के लिए कड़े प्रावधान वाला विधेयक पारित कराने की मांग की.


उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अलग-अलग विषयों पर छह अध्यादेश लेकर आई लेकिन एसएसी, एसटी मामले में अध्यादेश नहीं लाई और चार महीने तक इस कोई पहल नहीं की गई. इस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि शायद जानकारी हो चुकी है कि कल (बुधवार) ही नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली कैबिनेट ने नए एससी, एसटी विधेयक को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि सारा देश यह जानता है कि यह हालत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पैदा हुई है.

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि हम इस बारे में वैसा ही विधेयक लाएंगे, जैसा कानून था. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हुई तो उससे भी कड़ा कानून लाएंगे. गृह मंत्री ने कहा, ‘कल (बुधवार) ही कैबिनेट ने इससे जुड़े विधेयक को मंजूरी दी है. हम इसी सत्र में विधेयक पारित कराना चाहते हैं.’

इससे पहले, मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में 12 सितंबर 1989 को एससी, एसटी कानून बना था. इस पर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने इस बारे में काम किया. तब, खड़गे ने कहा कि ‘वीपी सिंह का कार्यकाल दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक था. वीपी सिंह तो हमारे वित्त मंत्री थे. आपने ले लिया.’