सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) सीएस कर्णन को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कर्णन को मिली छह महीने की जेल की सजा को निलंबित करने से भी इनकार किया है.
इससे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कर्णन को पश्चिम बंगाल सीआईडी ने तमिलनाडु के कोयम्बटूर से मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. करीब एक महीने पहले उच्चतम न्यायालय ने अदालत की अवमानना के मामले में उन्हें छह महीने कारावास की सजा सुनाई थी.
सीआईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कर्णन को मालुमीचमपट्टी के एक निजी रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया गया. 62 वर्षीय कर्णन उच्च न्यायालय के पहले ऐसे सेवारत न्यायाधीश हैं जिन्हें उच्चतम न्यायालय ने कैद की सजा सुनाई है.
अधिकारी के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से यहां ठहरे कर्णन ने गिरफ्तारी का विरोध किया और पुलिस से कहासुनी की.
कोलकाता पुलिस की तीन टीम पिछले तीन दिनों से चेन्नई से करीब 550 किलोमीटर दूर कोयम्बटूर में डेरा डाले हुई थी और उनके मोबाइल फोन कॉल के आधार पर उनका पता लगा लिया.
आठ दिन पहले वह कानून के भगोड़े के रूप में सेवानिवृत्त हो गए थे और उन्हें कलकत्ता उच्च न्यायालय में मौजूद नहीं होने के कारण परम्परागत रूप से विदाई नहीं दी गई.
भारत के प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली उच्चतम न्यायालय की सात सदस्यीय पीठ ने कर्णन को नौ मई को अदालत की अवमानना के आरोप में छह महीने जेल की सजा सुनाई थी जब वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे.