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नेता आपको रोक रहे हैं तो हमें बताइए: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट आपराधिक मामलों का निपटारा जल्द करने वाली याचिका पर सुवनाई कर रहा था

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने दागी सांसदों, विधायकों, कार्यपालिका और न्यायपालिका से जुड़े लोगों पर सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट आपराधिक मामलों का निपटारा जल्द करने और एक बार दोषी होने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका पर सुवनाई कर रहा था. जिसमें कोर्ट ने चुनाव आयोग को दो टूक कहा कि सांसदों और विधायकों के दोषी साबित होने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने पर आयोग ने कोई फैसला नहीं किया है, तो सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आप इस पर चुप कैसे रह सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप अपना पक्ष साफ क्यों नहीं करते कि सजा पाने वालों पर आजीवन चुनाव लड़ने की पाबंदी का समर्थन करते हैं या नहीं? अगर आपको सांसद और विधायक रोक रहे हैं, तो हमें बताइए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने अपने हलफनामे में कहा कि आप याचिका का समर्थन करते हैं? लेकिन अभी सुनवाई के दौरान आप कह रहे हैं कि आपने बस राजनीति से अपराधिकरण की मुक्ति को लेकर समर्थन किया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी.


अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका दायर कर मांग की है कि एक साल के अंदर विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका से जुड़े लोगों के खिलाफ आपराधिक मामलों का निपटारा हो और एक बार दोषी होने पर उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए.

उन्होंने मांग की है कि ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने, राजनीतिक दल का गठन करने और पदाधिकारी बनने पर रोक लगाई जाए. याचिका में ये भी मांग की गई है कि चुनाव आयोग, विधि आयोग और नेशनल कमीशन टू रिव्यू द वर्किंग ऑफ द कांस्टीट्यूशन की ओर से सुझाए गए महत्वपूर्ण चुनाव सुधारों को लागू करवाने का निर्देश केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को दिया जाए. याचिका में ये भी मांग की गई है कि विधायिका की सदस्यता के लिए न्यूनतम योग्यता और अधिकतम आयु सीमा तय की जाए.