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अब सिर्फ RO के जल से होगा महाकाल का अभिषेक

बाबा को चढ़ाया जाने वाल जल सिर्फ RO होगा. श्रद्धालुओं को सवा लीटर पंचामृत चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में आरती के बाद शिवलिंग को सूती कपड़े से ढंकना भी जरूरी होगा

FP Staff

देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में से उज्जैन महाकाल मंदिर के शिवलिंग में हो रहे क्षरण को रोकने के लिए मंदिर प्रशासन का प्रस्ताव सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है. मंदिर प्रशासन ने कुछ दिनों पहले पूजा के नियमों में बदलाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव दिया था. मंदिर प्रशासन को पूजा नियमों में 8 बदलावों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिली है.

अब महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचे भक्त 500 मिली लीटर से ज्यादा जल नहीं चढ़ा पाएंगे. बाबा को चढ़ाया जाने वाल जल सिर्फ RO का होगा. श्रद्धालुओं को सवा लीटर पंचामृत चढ़ाने की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में आरती के बाद शिवलिंग को सूती कपड़े से ढंकना भी जरूरी होगा.

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में महाकाल मंदिर के नियमों पर सुनवाई हुई, जिसमें इन नियमों को वाजिब बताया गया. दरअसल, महाकाल मंदिर समिति ने भस्म और पंचामृत से शिवलिंग को नुकसान से बचाने के सुप्रीम कोर्ट में प्रस्ताव दिया था. समिति ने मंदिर को नुकसान पहुंचने से जुड़ी एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी थी, जिसका अध्ययन करने के बाद कोर्ट ने कमेटी गठित की.

कमेटी ने माना है कि शिवलिंग और मंदिर परिसर अब पहले जैसे नहीं है. उन्हें कई कारणों से नुकसान हुआ है, जिसमें अधिक भीड़ और पूजा सामग्री को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है.