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अगले CJI रंजन गोगोई की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, 'हमारा मानना है कि मामले में इस समय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.'

FP Staff

जस्टिस रंजन गोगोई की अगले चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्ति के विरोध में डाली गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, 'हमारा मानना है कि मामले में इस समय हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है.'

इस याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने की. इससे पहले याचिकाकर्ता आरपी लूथरा ने कोर्ट से कहा था कि तत्काल सुनवाई की तारीख निर्धारित करनी चाहिए. पीठ ने कहा, ‘आप इंतजार कीजिए और देखिए. आप उल्लेख करने संबंधी मेमो दीजिए. हम इसे देखेंगे.’


लूथरा ने वकील सत्यवीर शर्मा के साथ दायर याचिका में कहा था कि वे 12 जनवरी को शीर्ष अदालत के चार वरिष्ठ जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस के विवरण को आधार बना रहे हैं और एक कानूनी सवाल पर फैसला चाहते हैं. यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जस्टिस जे चेलमेश्वर (अब रिटायर्ड) , जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने की थी.

जजों का पीसी करना न्याय प्रणाली को नुकसान पहुंचाने से कम नहीं

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता चीफ जस्टिस को लिखे गए बिना तारीख वाले पत्र और उसे शीर्ष अदालत के चार जजों द्वारा वितरित किए जाने को अपना आधार बना रहे हैं. याचिका के अनुसार चार वरिष्ठतम जजों का यह कृत्य देश की न्याय प्रणाली को नुकसान पहुंचाने से कहीं भी कम नहीं था. याचिका में कहा गया है कि उन्होंने देश में इस कोर्ट के चुनिंदा आंतरिक मतभेदों के नाम पर जनता में आक्रोश पैदा करने का प्रयास किया.

याचिका में कहा गया था कि याचिकाकर्ता प्रतिवादी भारत सरकार और चीफ जस्टिस की उस कार्रवाई से आहत है, जिसकी वजह से जस्टिस रंजन गोगोई को उनके गैरकानूनी और संस्था विरोधी कृत्य के लिए प्रताड़ित करने की बजाय देश के चीफ जस्टिस के पद पर नियुक्ति के रूप में हुई है.