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SC कोर्ट ने यूपी सरकार से ताज संरक्षण नीति पेश करने को कहा

टीटीजेड करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है जिसके दायरे में यूपी में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और इटावा के अलावा राजस्थान का भरतपुर आता है

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने ताज महल के संरक्षण, ताज ट्रैपेजियम जोन (टीटीजेड) और आसपास के इलाके में प्रदूषण के बारे में यूपी सरकार को निर्देश दिया है कि विस्तृत नीति पेश करे. टीटीजेड करीब 10,400 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र है जिसके दायरे में उप्र में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और इटावा के अलावा राजस्थान का भरतपुर आता है.

शीर्ष अदालत ने इस बात पर कड़ी आपत्ति की कि राज्य सरकार ने दो सप्ताह पहले ऐसा करने का आश्वासन देने के बावजूद अभी तक उसके समक्ष अपनी विस्तृत नीति पेश नहीं की है. जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने मामले की सुनवाई शुरू होते ही राज्य सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि अभी तक यह नीति दाखिल क्यों नहीं की गई है.


पीठ ने कहा कि आपको हमें नीति की प्रति सौंपनी है. हमारे पास कोई नीति तो है नहीं. इस पर मेहता ने कहा कि वह इस नीति को आज ही न्यायालय में दाखिल कर देंगे.

पीठ ने कहा कि हमने आपसे दो सप्ताह पहले कहा था कि हमें नीति दीजिए परंतु अब आप कह रहे हैं कि इसे आज दाखिल कर देंगे. इस पर मेहता ने कहा कि इस संबंध में टीटीजेड, जो एक स्वतंत्र प्राधिकरण है, ने नीति तैयार की है.

मेहता ने जब ताज महल के निकट बहुमंजिला कार पार्किग स्थल के निर्माण के मामले में ‘कुछ तत्परता’ का जिक्र किया तो पीठ ने कहा कि फिलहाल कोई जल्दबाजी नहीं है. आपने मई में निर्माण कार्य रोक दिया था तो अब क्या जल्दी है? इस पर मेहता ने कहा कि इलाके में यातायात अवरूद्ध हो रहा है और टीटीजेड सहित सभी प्राधिकारों ने सुझाव दिया है कि यहां बहुमंजिला कार पार्किंग स्थल का निर्माण किया जाए.

पीठ ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि पार्किग की जगह की आवश्यकता नहीं है परंतु आप हमें नीति दिखाएं. हम पर इस तरह से दबाव डालने की कोशिश मत कीजिए.

इसके बाद पीठ ने सुनवाई 20 नवंबर के लिये स्थगित करते हुए राज्य सरकार से कहा कि वह उसे इस बात से अवगत कराए कि पिछले साल के बाद से टीटीजेड की बैंठकें कब हुईं.

शीर्ष अदालत ने इससे पहले ताज महल के निकट बहुमंजिले कार पार्किग स्थल निर्माण पर रोक लगा दी थी परंतु बाद में राज्य सरकार के अनुरोध पर उसने वहां यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया था.