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सुप्रीम कोर्ट ने ब्लूव्हेल गेम पर सरकार से मांगा जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को ऐसी ही एक याचिका पर फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब मांगा था

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट ने ब्लू व्हेल जैसे वर्चुअल गेम रोकने के लिए दायर याचिका पर शुक्रवार को सरकार से जवाब मांगा. इस खेल की वजह से कई व्यक्तियों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली है.

चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई. चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय बेंच ने सरकार से कहा कि ऐसे खेल के बारे में ‘फायरवाल’ बनाए जाएं.


फायरवाल एक ऐसी प्रणाली है जो किसी प्राइवेट नेटवर्क से नियंत्रित आने और जाने वाली सामग्री को रोकती है. बेंच ने सभी हाई कोर्ट को ऐसी याचिकाओं पर विचार करने से भी रोक दिया है.

फेसबुक, गूगल और याहू से शीर्ष अदालत ने मांगा था जवाब 

शीर्ष अदालत पहले ही तमिलनाडु के 73 वर्षीय व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस याचिका में ब्लू व्हेल चैलेंज गेम पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया है जिसे दुनिया भर में कई बच्चों की कथित मौत से जोड़ा जा रहा है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 अगस्त को ऐसी ही एक याचिका पर फेसबुक, गूगल और याहू से जवाब मांगा था. इस याचिका में ब्लू व्हेल चैलेंज के लिंक हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

मद्रास हाई कोर्ट ने 4 सितंबर को इस गेम पर गंभीर रुख अपनाते हुए केंद्र और तमिलनाडु सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाने की संभावनाएं तलाशने का निर्देश दिया था.

ब्लू व्हेल को आत्महत्या कराने वाला खेल माना जाता है 

दिल्ली हाईकोर्ट ने बाद ने 19 सितंबर को निर्देश दिया था कि इस गेम पर प्रतिबंध लगाने के बारे में मद्रास हाई कोर्ट के निर्देशों पर उठाए गए कदमों पर अमल के बारे में जानकारी पेश की जाए.

ब्लू व्हेल चैलेंज के बारे में कहते हैं कि यह आत्महत्या कराने वाला खेल है जिसमें हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को 50 दिन की अवधि में चुनिंदा चुनौतियां पूरी करनी होती हैं और इसमें अंतिम काम आत्महत्या करने का होता है.

ये खेल खेलने वालों से कहा जाता है कि प्रत्येक चुनौती पूरी करने के बाद वह इसकी तस्वीरें शेयर करें.