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कुरान की आयत को रिंगटोन के रूप में इस्तेमाल करने पर फतवा

सऊदी के इस फतवे का समर्थन दारूल उलूम देवबंद ने भी किया है

FP Staff

इस्लामिक देश सऊदी अरब ने अब एक नया फतवा जारी कर दिया है. ये फतवा कुरान की आयत को मोबाइल रिंगटोन के रूप में इस्तेमाल करने को है. दरअसल सऊदी अरब के मौलाना का मानना है कि कुरान की आयत को मोबाइल रिंगटोन के रूप में इस्तेमाल करना गैर इस्लामिक है. सऊदी के इस फतवे का समर्थन करते हुए दारूल उलूम देवबंद भी सामने आया है. देवबंद का कहना है कि कुरान की आयत का रिंगटोन के रूप में इस्तेमाल करना हराम है.

टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए दारुल उलूम के मुफ्ती ने कहा कि 'फोन उठाने या करने वाला हो सकता है कि घंटी बजते समय टॉयलट में हो. ऐसे में कुरान की आयत या अजान को रिंगटोन या कॉलर टोन के रूप में सुनना  गैर इस्लामिक है. फिर चाहे वह सऊदी अरब, भारत या विश्व का कोई अन्य हिस्सा क्यों न हो. इस्लाम हर जगह एक समान है. इसलिए सऊदी अरब में जारी फतवा यहां कम महत्वपूर्ण नहीं है.'


हालांकी ये पहली बार नहीं है जब इस तरह का फतवा जारी किया गया हो. इससे पहले 2009 में कानपुर के असरफ-उल-मदरसा के मौलानाओं ने भी इस तरह का फतवा जारी किया था. इस संबंध में कासमी ने कहा कि कई बार लोग आयत पूरी होने से पहले फोन उठा लेते हैं जो कि गैर इस्लामिक है और उसका अर्थ भी बदल जाता है.

इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि डोर बेल के रूप में भी कुरान की आयत का इस्तेमाल करना गैर इस्लामिक है.