सुप्रीम कोर्ट ने एआईएडीएमके महासचिव वीके शशिकला नटराजन को झटका देते हुए आय से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल जेल की सजा और दस करोड़ जुर्माने के फैसले को बरकरार रखा है.
शशिकला और तमिलनाडु की दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता सहित चार लोगों के खिलाफ यह सजा तमिलनाडु की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी. हालांकि बाद में इस फैसले को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बदल दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए शशिकला के पॉलिटिकल करियर की दिशा भी पलट दी है.
आइए आपको बताते हैं इस पूरे मामले में कब-क्या हुआ:
14 जून 1996
जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यन स्वामी (अब भाजपा नेता) ने जयललिता, शशिकला, शशिकला के भतीजे सुधाकरण और अन्य रिश्तेदार इलावरासी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में जयललिता और उनके सहयोगियों पर 66 करोड़ रुपए की संपति अर्जित करने के आरोप थे.
18 जून 1996
तत्कालीन डीएमके सरकार ने पूर्व सीएम जयललिता व तीन अन्य के खिलाफ मामला दायर किया.
7 दिसंबर 1986
जयललिता गिरफ्तार
4 जून 1997
मामले में चार्जशीट दाखिल.
1 अक्टूबर 1997
राज्यपाल एम फातिमा बीबी की ओर से मुकदमा चलाने को दी गई मंजूरी की चुनौती देने वाली जयललिता की तीन याचिकाएं मद्रास हाईकोर्ट में खारिज हुईं.
मई 2001
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जयललिता की पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला और जयललिता मुख्यमंत्री बनीं. लेकिन उनकी नियुक्ति को चुनौती दी गई. इसका आधार बनाया गया अक्तूबर 2000 में तमिलनाडु स्मॉल इंडस्ट्री कॉरपोरेशन मामले में उन्हें दोषी ठहराया जाना. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति रद्द की.
21 फरवरी 2002
जयललिता आंदीपट्टी विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में विजयी हुईं और मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
18 नवंबर 2003
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक मामले को बेंगलुरु ट्रांसफर किया. जयललिता विशेष अदालत में पेश हुईं और 1339 सवालों के जवाब दिए.
27 सितंबर 2014
विशेष अदालत ने अपने फ़ैसले में जयललिता और शशिकला समते तीन को दोषी ठहराया. जयललिता को चार साल की जेल और 100 करोड़ रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई.
29 सितंबर 2014
जयललिता ने कर्नाटक हाई कोर्ट में विशेष अदालत के फ़ैसले को चुनौती देकर जमानत की मांग की.
7 अक्टूबर 2014
कर्नाटक हाईकोर्ट ने जयललिता की जमानत याचिका खारिज.
9 अक्टूबर 2014
बेंगलुरु की जेल में 13 दिन बिताने के बाद जयललिता ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की. 14 अक्तूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए कर्नाटक हाई कोर्ट को तीन महीने में सुनवाई पूरी करने को कहा.
18 अक्तूबर 2014
21 दिन जेल में बिताने के बाद जयललिता रिहा हुईं.
8 दिसंबर
जयललिता ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में अपील की.
11 मई 2015
कर्नाटक हाई कोर्ट ने जयललिता और तीन अन्य को बरी कर दिया.
23 जून 2015
आय से अधिक मामले से जयललिता को दोषमुक्त किए जाने को कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
7 जून 2016
जयललिता के खिलाफ आय से अधिक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुरक्षित किया.
5 दिसंबर 2016
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन.
14 फरवरी 2017
सुप्रीम कोर्ट ने शशिकला और दो अन्य को दोषी करार दिया.