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तुर्की में मिला मकबरा क्या सांता क्लॉज का?

वैज्ञानिक कार्यों के दौरान गिरिजाघर के एक विशेष हिस्से का पता चला. ऐसी अटकलें हैं कि वहां पर मकबरा भी दफन होगा

Bhasha

पुरातत्वविदों ने सेंट निकोलस का मकबरा खोज निकालने का दावा किया है जिनके गुप्त उपहार देने के स्वभाव के कारण सांता क्लॉस की कथा का जन्म हुआ. यह मकबरा तुर्की में एक चर्च के खंडहर के नीचे मिला है.

शोधकर्ताओं ने डेमरे जिले में सेंट निकोलस चर्च के नीचे एक गिरिजाघर का पता लगाया है. वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यों के दौरान गिरिजाघर के एक विशेष खंड का पता चला. ऐसी अटकलें हैं कि वहां पर मकबरा भी दफन होगा.


तुर्की में सर्वेइंग एंड मॉन्यूमेंट के अंटाल्या निदेशक केमिल कारबयराम ने बताया कि चर्च की सतह के नीचे डिजिटल सर्वेक्षण के दौरान शोधकर्ताओं को एक अज्ञात मकबरे का पता चला है.

शोधकर्ताओं ने बताया कि वैज्ञानिक और तकनीकी अध्ययन में खुलासा हुआ कि चर्च के नीचे सही सलामत एक मकबरा मौजूद है. करबयराम ने ‘हुर्रियत डेली न्यूज’ को बताया, ‘हमारा मानना है कि इस मकबरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है लेकिन इसके फर्श पर पच्चीकारी के कारण उस तक पहुंचना काफी मुश्किल है.'

शोधकर्ताओं के मुताबिक, अब तक माना जाता था कि निकोलस की हड्डियां इटली में है. करबयराम ने बताया, ‘हमने 1942 से 1966 के बीच के सभी दस्तावेजों का अध्ययन किया. वहां कुछ दस्तावेज था. इन दस्तावेजों के मुताबिक इस चर्च को तोड़ दिया गया और इसका पुनर्निर्माण किया गया था.’

उन्होंने बताया, ‘फिर से निर्माण के दौरान बारी के व्यापारियों को हड्डियां मिली. लेकिन इसमें बताया गया कि ये हड्डियां सेंट निकोलस की नहीं बल्कि किसी और पादरी की थीं.’ शोधकर्ता तीन महीनों से काम कर रहे हैं और एक सीटी स्कैन, एक जियो रडार और अंतिम चरण में उत्खनन कार्य के लिए आठ अकादमियों की मदद ली गई.

उन्होंने बताया, ‘विश्व में सभी की नजरें यहां लगी है. हमारा दावा है कि बिना किसी नुकसान के इस चर्च में सेंट निकोलस को रखा गया था. हम अंतिम चरण में हैं.’