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समाजवादी पार्टी में सुलह की कोशिश फिर हुई नाकाम

मुलायम के नए पैंतरे के सामने नहीं झुके अखिलेश यादव

FP Staff

दिल्ली से लौटने के बाद मुलायम सिंह यादव ने नए तेवर के साथ चरखा दांव चलते हुए अचानक यूटर्न लिया और अखिलेश को सीएम का प्रत्याशी घोषित कर दिया. इसके बाद मंगलवार को अखिलेश के साथ डेढ़ घंटे चली बैठक को लेकर तमाम राजनीतिक विश्लेषक अंदाजा लगाते रहे कि सुलह की गुंजाइश बढ़ती दिख रही है.

लेकिन अखिलेश मुलायम के हाथ से रेत की तरह निकल गए. उनके चरखा दांव को भांपते हुए अखिलेश ने साफ कर दिया कि चुनाव तक राष्ट्रीय अध्यक्ष वही रहेंगे.


इतना ही नहीं यह भी साफ कर दिया चुनाव आयोग पहले जो गया था, उसे ही अपना दावा वापस लेना होगा. साथ ही टिकट बंटवारे का पूरा अधिकार भी अखिलेश ने अपने पास ही रखने की बात कही.

सूत्रों के अनुसार करीब डेढ़ घंटे चली मुलाकात में अखिलेश किसी भी मुद्दे पर झुकने को तैयार नहीं थे. उनकी मांगों पर गौर किया जाए तो ये मुलायम के लिए सुलह की बजाए समर्पण करने जैसा ही होगा. जानकारी के अनुसार अखिलेश ने तीन महीने तक खुली छूट दिए जाने की अपनी मांग दोहराई.

दरअसल अखिलेश राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं छोड़ना चाहते हैं, इसी तरह प्रदेश अध्यक्ष का पद भी वह किसी और को देने के लिए तैयार नहीं हैं. वह पहले ही साफ कर चुके हैं कि टिकट बंटवारे में उनके निर्णय को ही अंतिम माना जाए. इसके अलावा मीटिंग में टिकटों पर भी चर्चा हुई. दूसरी तरफ मुलायम ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर अपना दावा बरकरार रखा है.

उधर मुलायम से मुलाकात करने के बाद मुख्यमंत्री आवास पहुंचे सीएम अखिलेश ने नेताओं से कहा कि कार्यकर्ता और प्रत्याशी अपनी-अपनी विधानसभाओं में जाएं. जल्द ही मैं प्रचार और रैलियों का कार्यक्रम जारी करने जा रहा हूं.

इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा

मुलायम और अखिलेश के बीच तीन बिन्दुओं पर चर्चा हुई. ये बिंदु थे राष्ट्रीय अध्यक्ष पद, सीएम कैंडिडेट और टिकट बंटवारा.

मुलायम ने अखिलेश से कहा

अखिलेश ने मुलायम से कहा

इससे पहले मुलायम सिंह ने पूरी लड़ाई में नरम रुख अपनाते हुए सोमवार को आखिरकार अखिलेश को सीएम कैंडीडेट घोषित कर दिया था.

अभी तक मुलायम यही कहते आ रहे थे कि सीएम का फैसला, समाजवादी पार्टी के विधायकों की मीटिंग के बाद ही लिया जाएगा. दिल्ली में भी सोमवार सुबह मुलायम ने अखिलेश को लेकर नरम रुख ही अपनाया था, उन्होंने सिर्फ रामगोपाल यादव को ही पूरे विवाद की जड़ ठहराया था.

उन्होंने कहा कि था कि बाप और बेटे में कोई विवाद नहीं है, जो भी मतभेद है, वह समाजवादी पार्टी में है और इसकी जड़ रामगोपाल ही हैं. इसी को लेकर वह जल्द ही पार्टी के नेताओं से मीटिंग करके सब ठीक कर देंगे.

ही पक्षों ने अपने-अपने दस्तावेज पेश कर दिए हैं, यही नहीं मुलायम गुट की तरफ से अखिलेश गुट को दस्तावेज की कॉपी भेजी जा चुकी है. वहीं अखिलेश गुट की तरफ से बार-बार भेजने के बाद भी दस्तावेज की कॉपी मुलायम गुट रिसीव नहीं कर रहा है.

अगर विवाद नहीं सुलझता है तो 17 जनवरी से पहले आयोग अपना फैसला सुना देगा, जिसके तहत माना जा रहा है कि या तो दोनों पक्षों को अलग-अलग सिंबल एलॉट कर दिया जाएगा, या किसी एक पक्ष पर साइकिल की दावेदारी सुनिश्चित हो जाएगी.

साभार: प्रदेश 18