देश भर में भले ही रामलीला का मंचन रात में करने का चलन हो, लेकिन गुड़गांव के पास पटौदी कस्बे में दिन में भी मंचन होता है. दर्शकों को रात में जागने की दिक्कत नहीं होती. दिन डूबने से पहले ये खत्म हो जाती है.
कौन है मोहम्मद मुमताज अली खान उर्फ मुट्टन मियां?
पटौदी, मशहूर क्रिकेटर नवाब पटौदी के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है. उनका यहां महल है. अब उनकी विरासत फिल्म अभिनेता सैफ अली खान संभाल रहे हैं. इस रामलीला को फिल्म अभिनेता सैफ अली खान के पूर्वज मोहम्मद मुमताज अली खान उर्फ मुट्टन मियां ने 1902 में शुरू करवाया था.
इसे हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के तौर पर भी देखते हैं. दिन में रामलीला होने के पीछे क्या कारण है, इसे तो वहां के लोग नहीं बता पा रहे लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि ये परंपरा चली आ रही है इसलिए उसे निभाया जा रहा है. कमेटी से जुड़े राधेश्याम मक्कड़ के मुताबिक नवाब परिवार से इसके मंचन में अब भी सहयोग मिलता है.
कब होता है मंचन?
रामलीला शुरू होने से पहले और बाद में इसके लगभग 50 पात्रों की पटौदी में सवारी निकलती है. मंचन दोपहर 3 बजे से शाम को 6 बजे तक होता है. सूर्य डूबने तक मंचन खत्म हो जाता है. इसका मंचन 115वें वर्ष भी जारी है. इसका प्रबंधन रामलीला कमेटी (दिन) करती है.
मालूम हो कि सैफ अली खान को पटौदी रियासत के 10वें नवाब की पदवी मिली है. हालांकि इस तमगे को कोई कानूनी मान्यता नहीं है. मेवात निवासी मोहम्मद उमर कोटिया ‘विरासत ऑफ पटौदी’ नाम से फिल्म बनाने वाले हैं. जिसमें दिन की रामलीला की झलक भी देखने को मिलेगी.
(साभार न्यूज 18)