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सहारनपुर: भीम आर्मी के सदस्यों की गिरफ्तारी के विरोध में दलित महिलाओं ने अपनाया बौद्ध धर्म

5 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर निकाले जा रहे एक जुलूस के दौरान अगड़ी जाति और दलितों के बीच विवाद हो गया था

Bhasha

उतर प्रदेश के सहारनपुर जिले में शब्बीरपुर प्रकरण के बाद उपजी हिंसा के सिलसिले में जेल भेजे गए भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग और नामजद आरोपियों के घरों पर पुलिस की दबिश के विरोध में शनिवार को दलित महिलाओं ने रामपुर मनिहारान क्षेत्र में प्रदर्शन किया.

इन महिलाओं ने हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों को विसर्जित करते हुए बौद्ध धर्म अपनाने का ऐलान किया.


एसडीएम राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि इन दलित महिलाओं ने आरोप लगाया है कि पुलिस दलितों का उत्पीड़न कर रही है. महिलाएं हाथों में तख्तियां लेकर तहसील पहुंची थीं जहां उन्होंने प्रदर्शन किया.

वहां भारी मात्रा मे पुलिस बल तैनात किया गया था. गुप्ता के मुताबिक इन महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा है.

क्या है मामला?

इससे पहले 5 मई को महाराणा प्रताप की जयंती के मौके पर निकाले जा रहे एक जुलूस के दौरान अगड़ी जाति और दलितों के बीच विवाद हो गया था. इस विवाद में अगड़ी जाति के एक युवक की मौत हो गई थी. इस युवक की मौत का आरोप भीम आर्मी के सदस्यों पर लगा. इसके बाद अगड़ी और दलित जाति के बीच हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में कई दलितों के घर भी जल गए.

इसके कुछ दिनों बाद ‘महापंचायत’ करने के अनुरोध को प्रशासन द्वारा ठुकराए जाने पर भीम आर्मी के सदस्यों ने कई गाड़ियों को आग लगा दी थी. इसके बाद भीम आर्मी ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया था.

इससे पहले भी सहारनपुर हिंसा के बाद 180 दलित परिवारों ने बौद्ध धर्म अपना लिया था.