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सबरीमाला मंदिर: केरल में चल रहे विवाद और हिंसा पर राजनाथ सिंह ने राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी

पुलिस के मुताबिक बाइक पर सवार कुछ अज्ञात लोगों ने कन्नूर जिले स्थित मडपीडिकायिल में शमसीर के आवास पर बम फेंके थे

FP Staff

केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश पर राज्य में विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है. वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को राज्य सरकार ने मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट मांगी है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह राज्य में बढ़ती हिंसा के बारे में चिंतित है, राजनाथ सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, चीजें जल्द ही नियंत्रण में होनी चाहिए. बता दें कि बीते शुक्रवार देर रात सत्ताधारी सीपीआई(एम) नेता और थलासरी विधायक ए एन शमसीर समेत लेफ्ट के अन्य नेताओं के घरों में बम फेंके जाने की भी खबर है.

हिंसा के संबंध में 33 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है


पुलिस के मुताबिक बाइक पर सवार कुछ अज्ञात लोगों ने कन्नूर जिले स्थित मडपीडिकायिल में शमसीर के आवास पर बम फेंके थे. शमसीर के अलावा सीपीएम के पूर्व जिला सचिव पी शशि के आवास पर भी बम फेंका गया. वहीं सीपीएम कार्यकर्ता विशाक पर कन्नूर जिले के ही इरित्ति में हमला किया गया. इस मामले में केरल के डीजीपी लोकनाथ बेहरा का कहना है- कन्नूर जिले में कल रात हुए हिंसा के संबंध में 33 लोगों को प्रतिबंधात्मक हिरासत में लिया गया है. पथानामथिट्टा जिले में हमलों के संबंध में 76 मामले दर्ज किए गए हैं.110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

RSS राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश कर रहा था

कन्नूर में हिंसा के बाद राज्य के पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा द्वारा एक राज्यव्यापी अलर्ट जारी किया गया है. उन्होंने राजनेताओं के आवासों पर हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इस बीच सीपीआई (एम) और बीजेपी दोनों ने हिंसा के लिए एक दूसरे को दोषी ठहराया. सीपीआई (एम) के राज्य सचिव कोडिएरी बालाकृष्णन ने तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा कि आरएसएस राज्य में दंगे भड़काने और शांति वार्ता में तोड़फोड़ करने की कोशिश कर रहा था.

यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है

दूसरी ओर बीजेपी ने आरोप लगाया है कि हिंसा और उनके नेताओं के घरों पर बम फेंके जाने के पीछे केरल सरकार का हाथ है. बीजेपी समर्थकों का कहना है कि यह सब सीपीआई (एम) के गुंडों ने राज्य सरकार के पूर्ण अधिकार और समर्थन के साथ किया है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा- जैसा कि आप जानते हैं यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की है. इसलिए हम इस मामले को भारत में कानून अधिकारियों के शासन के हाथों में छोड़ देंगे. निश्चित रूप से हम चाहते हैं कि सभी पक्ष कानून के शासन का सम्मान करें.